New Delhi: तीन नए कृषि कानूनों (Farms Law) को लेकर हमलावर रही कांग्रेस पार्टी और खासकर पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जमकर निशाना साधा है।
उन्होंने (PM Narendra Modi) देव दिवाली (Dev Deepawali) के अवसर पर वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अब सरकार के फैसले का तथ्य आधारित नहीं बल्कि आशंका आधारित विरोध किए जाने का चलन देखने को मिल रहा है।
राहुल ने पीएम को फिर बताया ‘पूंजीपतियों का मित्र’
पीएम (PM Narendra Modi) ने किसानों को लेकर कांग्रेस सरकारों का कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उनका इतिहास ही छल का रहा है। साथ ही पीएम ने अपनी सरकार के रिकॉर्ड भी गिनवाए और दावा किया कि उनकी सरकार की कथनी और करनी में अंतर नहीं होता है। ध्यान रहे कि राहुल गांधी ने सोमवार को भी वीडियो ट्वीट कर पीएम मोदी को पूंजीपतियों की मित्र बताते हुए लोगों से प्रदर्शनकारी किसानों का साथ देने की अपील की।
पीएम की अपील- अफवाहों के चक्कर में न आएं किसान
बहरहाल, प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने किसानों को भी आगाह किया कि वो अफवाहों और उकसावे का शिकार नहीं हों। पीएम ने कहा कि सरकार जब कोई फैसला लेती है तो समर्थन के साथ-साथ विरोध भी होता है, लेकिन इसका आधार सही तथ्य होते हैं। पीएम ने कहा कि अब नया ही ट्रेंड चलता दिख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘सरकारें नीतियां बनाती हैं, कानून-कायदे बनाती हैं। नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है। ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है। लेकिन पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है।’
मोदी ने कहा, ‘पहले होता ये था कि सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था। लेकिन बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है।’
लेकिन पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है।
पहले होता ये था कि सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था।
लेकिन बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है: PM
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2020
पीएम ने आगे कहा, ‘अपप्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है। जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। कृषि सुधारों के मामले में भी यही हो रहा है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।’
अपप्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है।
जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है।
कृषि सुधारों के मामले में भी यही हो रहा है।
ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है: PM
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पीएम का हमला- छलावे की राजनीति करती रही है कांग्रेस
प्रधानमंत्री ने इशारों-इशारों में कहा कि कांग्रेस पार्टी की यह मजबूरी हो गई है कि वह झूठ और छलावे की ही राजनीति आगे बढ़ाए। पीएम ने कहा, ‘जब इतिहास छल का रहा हो, तब दो बातें स्वभाविक हैं। पहली ये कि किसान अगर सरकारों की बातों से कई बार आशंकित रहता है तो उसके पीछे दशकों का इतिहास है। दूसरी ये कि जिन्होंने वादे तोड़े, छल किया, उनके लिए ये झूठ फैलाना मजबूरी बन चुका है कि जो पहले होता था, वही अब भी होने वाला है।’
जब इतिहास छल का रहा हो, तब 2 बातें स्वभाविक हैं।
पहली ये कि किसान अगर सरकारों की बातों से कई बार आशंकित रहता है तो उसके पीछे दशकों का इतिहास है।
दूसरी ये कि जिन्होंने वादे तोड़े, छल किया, उनके लिए ये झूठ फैलाना मजबूरी बन चुका है कि जो पहले होता था, वही अब भी होने वाला है: PM
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पीएम ने बताया अपनी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड
पीएम ने किसानों को भरोसे में लेने के लिए अपनी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा, ‘जब इस सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखेंगे तो सच अपने आप सामने आ जाएगा। हमने कहा था कि हम यूरिया की कालाबाज़ारी रोकेंगे और किसान को पर्याप्त यूरिया देंगे। बीते 6 साल में यूरिया की कमी नहीं होने दी। यहां तक कि लॉकडाउन तक में जब हर गतिविधि बंद थी, तब भी दिक्कत नहीं आने दी गई।’
पीएम ने किसानों से पूछा, ‘अब आप ही बताइए कि अगर मंडियों और MSP को ही हटाना था तो इनको ताकत देने, इन पर इतना निवेश ही क्यों करते? हमारी सरकार तो मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।’
किसान सम्मान निधि पर उड़ी अफवाहों की दिलाई याद
पीएम ने यह बात भी याद दिलाई कि कैसे किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के सालाना 6 हजार रुपये दिए जाने की योजना पर तरह-तरह के भ्रम फैलाए गए थे। उन्होंने कहा, ‘आपको याद रखना है, यही लोग हैं जो पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर ये लोग सवाल उठाते थे। ये लोग अफवाह फैलाते थे कि चुनाव को देखते हुए ये पैसा दिया जा रहा है और चुनाव के बाद यही पैसा ब्याज सहित वापस देना पड़ेगा।’