दिल्ली के प्रेस क्लब आफ इंडिया में जब बुज़ुर्ग पेंशन धारक अपनी पीड़ा बयान कर रहे थे और पीएम मोदी से अपना आश्वासन पूरा करने की मांग कर रहे थे तभी वहां देश के ऐसे नौजवान भी पहुंचे जिनकी दर्दनाक दास्ताँ सुनकर सभी की आँखे नम हो गयीं। लगभग आधा दर्जन युवक जिनमें एक युवती भी थी प्रेस से रूबरू हो रहे थे।
और फिक्रमंद थे अपने उन साथियों के लिए जो पलवल में थे और उनको दिल्ली तक आने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा परेशान किया जा रहा था। ये वह बेरोज़गार हैं जिन्होंने नियुक्ति के लिए सारे टेस्ट पास कर लिए मगर इनको नियुक्ति नहीं दी गयी। एसएससी जीडी 2018 के तहत पैरा मेडिकल फोर्सेज के लिए लिखित, फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास कर चुकी 35 लड़कियों समेत 160 अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र की मांग लेकर 63 दिन से पदयात्रा पर हैं। मार्ग की दिक्कतें और प्रशासन की बदसलूकी जैसी तमाम परेशानियां सहते हुए ये बेरोजगार 27 जुलाई को हरियाणा के पलवल तक पहुंचे। जहां पहले तीन दिन तक रोककर पुलिस ने परेशान किया। फिर 1 अगस्त देर रात इन्हें जबरन बस में ठूंसकर अलग-अलग ले जाकर छोड़ दिया।
इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने लड़कियों से बदसलूकी की। अभ्यर्थियों के सिम कार्ड तोड़ दिए। उनके फोन और सोशल मीडिया से जबरन फोटो-वीडियो डिलीट करवाए। नागपुर से दिल्ली पैदल मार्च के कुछ साथी प्रेस क्लब आफ इंडिया पहुंचे और उत्पीड़न की दास्ताँ बयान की। नागपुर के संविधान चौक से 1 जून को 4 लड़कियों समेत 40 बेरोजगार युवाओं ने पैदल मार्च शुरू की थी। धीरे-धीरे इस मार्च में देशभर से लड़के और लड़कियां जुड़ते गए। अभी पैदल मार्च में 35 लड़कियों समेत 160 से अधिक बेरोजगार युवा हैं।
शंकर मधुकर ने बताया है कि हम सभी 27 जुलाई को पलवल पहुंच गए थे। 62वें दिन पुलिस ने सभी साथियों को गिरफ्तार कर पलवल से दूर तिंवरी रायल पैलेस में रखा। यहां पुलिस अधिकारियों ने हम सबको डराया धमकाया। लड़कियों से बदसलूकी की।