राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को नतीजे जाएंगे। विपक्ष की ओर से संयुक्त रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है, तो वहीं एनडीए की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है। लेकिन चुनाव के पहले ही विपक्ष टूटता हुआ दिखाई दे रहा है।
शुक्रवार को एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू उत्तर प्रदेश में थी और उनके सम्मान में मुख्यमंत्री आवास पर एक भोज रखा गया था। इस भोज में सभी बीजेपी विधायकों और सहयोगी दलों के विधायकों को आमंत्रित किया गया था।बीएसपी के विधायक उमाशंकर सिंह, जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को भी आमंत्रित किया गया था।
यह सभी नेता इस आयोजित भोज में पहुंचे और इसके बाद सभी नेताओं ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान भी कर दिया। बता दें कि यह सभी नेता एनडीए का हिस्सा नहीं है। वहीं ओमप्रकाश राजभर सपा के सहयोगी हैं और उनके ऐलान से समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को भी झटका लगा है।
शिवपाल सिंह यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “मैं पहले ही कह चुका हूं कि जो मांगेगा उसे वोट दूंगा। न तो समाजवादी पार्टी ने मुझे फोन किया, न ही मेरा वोट मांगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल मुझे आमंत्रित किया जहां मैंने एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें वोट देने का फैसला किया।”
बता दें कि बसपा मुखिया मायावती ने पहले ही द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी की नीतियों, मूवमेंट और सिद्धांतों पर चलने का हवाला देते हुए द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया था। वहीं अब इन नेताओं के समर्थन से एनडीए का संख्या बल और मजबूत हो गया है।