नई दिल्ली, 29 जुलाई (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में Operation Sindoor (ऑपरेशन सिंदूर) पर हुई विशेष चर्चा में विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पार्टी पर तीखे और विस्तृत हमले किए। अपने करीब एक घंटे के संबोधन में पीएम मोदी ने कांग्रेस के पाकिस्तान प्रेम, तुष्टिकरण की राजनीति, सेना के मनोबल को गिराने के आरोप और विदेशी दबाव की राजनीति जैसे मुद्दों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता और बदलता है।”
यह लेख प्रधानमंत्री मोदी के संसद में दिए गए संपूर्ण भाषण, उसमें किए गए आरोपों और दिए गए ऐतिहासिक सन्दर्भों की गहराई से विवेचना करता है। साथ ही यह भी विश्लेषण करता है कि किस प्रकार से वर्तमान भारत की सैन्य रणनीति, विदेश नीति और आत्मनिर्भरता की दिशा में बदलाव आया है।
Operation Sindoor (ऑपरेशन सिंदूर): भारत की निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक
पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की सैन्य क्षमता, राजनीतिक इच्छाशक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने पहली बार स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकी हमलों का जवाब हमारी शर्तों पर और हमारे समय पर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जिस तरह निर्दोष लोगों को धर्म पूछकर मारा गया, वह केवल आतंकी हमला नहीं बल्कि देश की एकता पर हमला था। पीएम ने कहा, “मैं विदेश दौरे से तुरंत लौटा, बैठक बुलाई और सेना को खुली छूट दी। इसके बाद 6 मई की रात और 7 मई की सुबह हमारी सेनाओं ने निर्णायक जवाब दिया। 22 मिनट में जवाब दिया और दुश्मन को ध्वस्त किया।”
सेना की शक्ति और आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण
पीएम मोदी ने अपने भाषण में बार-बार इस बात पर जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह आत्मनिर्भर भारत की सफलता का प्रतीक था। उन्होंने कहा कि अब भारत विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत विकसित मिसाइलें और रक्षा प्रणालियाँ देश की सेनाओं को मजबूती दे रही हैं।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि बीते 10 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में 250% वृद्धि हुई है और रक्षा निर्यात में 30 गुना की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस वाले हालात होते, तो ऑपरेशन सिंदूर की कल्पना तक नहीं की जा सकती थी।”
कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम: एक राजनीतिक रणनीति
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह हमेशा से पाकिस्तान समर्थक नैरेटिव को आगे बढ़ाती रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति पाकिस्तान से मुद्दे आयात करने पर निर्भर हो चुकी है।
उनके अनुसार, “जब अभिनंदन को पाकिस्तान ने पकड़ा, तो कांग्रेस ने कहा – अब मोदी फंसा। जब बीएसएफ जवान पकड़ा गया तो भी यही कहा गया। लेकिन दोनों ही जवान आन-बान-शान के साथ लौटे। यह हमारी नीतियों और सेना की ताकत का नतीजा है।”
बाटला हाउस मुठभेड़ और तुष्टिकरण की राजनीति
पीएम मोदी ने बाटला हाउस मुठभेड़ का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब दिल्ली में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी, तब कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता की आंखों में आंसू थे। उन्होंने सवाल उठाया – “ये आंसू किसके लिए थे? देश के लिए या आतंकवादियों के लिए?”
उन्होंने यह भी कहा कि जब संसद पर हमला हुआ, तो कांग्रेस के नेताओं ने अफजल गुरु को संदेह का लाभ देने की बात की। मुंबई हमले के दौरान जब पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब पकड़ा गया, तो कांग्रेस के नेताओं ने उसे भगवा आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की।
विदेश नीति पर विपक्ष के भ्रम और सच्चाई
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि किसी भी देश ने भारत की सैन्य कार्रवाई को रोकने की कोशिश नहीं की। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के कॉल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान हमले की तैयारी कर रहा था, तब मैंने दो टूक कह दिया – “हम गोली का जवाब गोले से देंगे।
डोकलाम विवाद और कांग्रेस का चीन प्रेम
पीएम मोदी ने डोकलाम विवाद का ज़िक्र करते हुए राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना चीन से टकरा रही थी, तब कांग्रेस के नेता चीनी राजदूत से चुपके से मिल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में राष्ट्रीय एकता की जरूरत होती है, न कि पर्दे के पीछे की गुप्त बैठकों की।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने विदेश नीति के हर पहलू को राजनीतिक लाभ के लिए प्रयोग किया और देश के हितों को नुकसान पहुंचाया।
ऑपरेशन सिंदूर: वैश्विक समर्थन और विपक्ष का विरोधाभास
पीएम मोदी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संयुक्त राष्ट्र के 193 में से केवल 3 देशों ने पाकिस्तान का पक्ष लिया, जबकि पूरी दुनिया ने भारत का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “हमें अमेरिका, फ्रांस, रूस, जर्मनी, ब्रिक्स, क्वाड से समर्थन मिला। लेकिन कांग्रेस ने सेना के पराक्रम पर विश्वास नहीं दिखाया।”
उन्होंने विपक्ष की बयानबाजी को पाकिस्तान समर्थित प्रोपेगेंडा करार दिया और कहा कि जब पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल गिराए जा रहे थे, तब विपक्ष ऑपरेशन पर सवाल उठा रहा था।
कांग्रेस की सेना विरोधी मानसिकता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से सेना के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन में रक्षा सौदों में दलाली, विदेश पर निर्भरता और शोध संस्थानों की उपेक्षा हुई।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने न केवल सैन्य क्षेत्र में तकनीकी उन्नयन किया, बल्कि सीडीएस की नियुक्ति जैसे निर्णायक निर्णय लिए। आज निजी कंपनियां रक्षा उत्पादन में भाग ले रही हैं और भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का नया सुरक्षा सिद्धांत
पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत के सुरक्षा सिद्धांत में तीन स्पष्ट बातें हैं:
- आतंकी हमला हुआ तो जवाब अपने तरीके, समय और स्थान पर देंगे।
- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी।
- आतंकी आकाओं और आतंकी सरकार को अलग नहीं देखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह भारत का न्यू नॉर्मल है। अब आतंकवादियों को मालूम है कि भारत अब छोड़ता नहीं है, घुसकर मारता है।
निष्कर्ष: देशहित और दलहित में फर्क समझे विपक्ष
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में कहा कि विपक्ष को अब यह समझना चाहिए कि देशहित और दलहित में फर्क होता है। उन्होंने कहा, “अगर आपके मत न मिलें, तो कोई बात नहीं, लेकिन मन जरूर मिलना चाहिए जब बात देश की सुरक्षा की हो।”
उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि पाकिस्तान के नैरेटिव का समर्थन करना बंद करें और सेना के पराक्रम का सम्मान करें।
प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि भारत ने अब वो ताकत हासिल कर ली है कि वह किसी भी दुस्साहस का सटीक जवाब दे सकता है – और ये सब संभव हुआ है आत्मनिर्भर भारत और मजबूत इच्छाशक्ति की वजह से।
हमने सिंदूर से लेकर सिंधु तक, पाकिस्तान पर कार्रवाई की, आतंकी अड्डों को धुआं-धुआं किया : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी का राहुल गांधी को जवाब, ‘दुनिया के किसी भी नेता ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नहीं रुकवाया’