नई दिल्ली, 10 अगस्त (वेब वार्ता)।
भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मिली ‘फ्री हैंड’ को अभूतपूर्व बताते हुए कहा है कि यह पहली बार था जब उन्होंने इतनी स्पष्ट राजनीतिक दिशा और रणनीतिक समर्थन देखा। आईआईटी मद्रास में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में बोलते हुए थलसेना प्रमुख ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान सशस्त्र बलों को पूरी तरह स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अवसर मिला, जिससे दुश्मन पर निर्णायक प्रहार संभव हुआ।
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— Webvarta News Agency (@webvarta) August 10, 2025
पल जिसने पूरे देश को झकझोर दिया
जनरल द्विवेदी ने बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। अगले ही दिन 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुखों ने बैठक की और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अब निर्णायक कार्रवाई का समय आ गया है।
“हमें स्पष्ट निर्देश मिला—’जो करना है, आप तय करें’,” जनरल द्विवेदी ने कहा। “यह राजनीतिक स्पष्टता और भरोसे का ऐसा उदाहरण था, जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा था।”
योजना से क्रियान्वयन तक
25 अप्रैल को सेनाध्यक्ष ने उत्तरी कमान जाकर ऑपरेशन की रणनीति तैयार की। पूरी योजना का खाका वहीं खींचा गया और अगले कुछ दिनों में नौ में से सात आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया गया। बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया गया। 29 अप्रैल को सेनाध्यक्ष और सेना अधिकारियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर ऑपरेशन की प्रगति की जानकारी दी।
शतरंज जैसी लड़ाई
जनरल द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शतरंज के खेल की तरह बताया। उन्होंने कहा, “हम लगातार दुश्मन की अगली चाल का अनुमान लगाते और अपनी रणनीति बदलते रहे। यह पारंपरिक युद्ध नहीं था, बल्कि उससे पहले वाली रणनीतिक स्थिति थी जिसे ‘ग्रे जोन’ कहते हैं। कभी हम उन्हें चेकमेट कर रहे थे, तो कभी जान जोखिम में डालकर वार कर रहे थे।”
पाकिस्तानी नैरेटिव पर वार
सेनाध्यक्ष ने पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख असीम मुनीर का उल्लेख करते हुए कहा कि युद्ध में ‘नैरेटिव मैनेजमेंट’ बेहद महत्वपूर्ण है। “अगर किसी पाकिस्तानी से पूछेंगे कि आप जीते या हारे, तो वह कहेगा कि हमारे आर्मी चीफ फील्ड मार्शल बना दिए गए—इसका मतलब है कि हम जीते।”
ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना की निर्णायक भूमिका
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बेंगलुरु में आयोजित ‘एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे व्याख्यान’ के दौरान खुलासा किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का पहली बार इस्तेमाल किया गया।
वायुसेना के अनुसार—
5 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मार गिराए गए।
1 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एवं इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस विमान भी ध्वस्त किया गया।
पाकिस्तानी विमानों को 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया।
पाकिस्तानी जैकोबाबाद एयरबेस और बोलारी एयरबेस पर सटीक हमले किए गए।
यह जानकारी तत्काल सार्वजनिक नहीं की गई थी, क्योंकि वायुसेना तकनीकी इनपुट्स का विश्लेषण कर रही थी।
ऑपरेशन सिंदूर—भारत की सैन्य क्षमता का उदाहरण
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल भारतीय सेना और वायुसेना की क्षमता को सिद्ध किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि राजनीतिक नेतृत्व के दृढ़ संकल्प और सैन्य रणनीति के मेल से दुश्मन पर निर्णायक विजय प्राप्त की जा सकती है।