नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। म्यांमार में 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप के बाद, भारत सरकार ने वहां सहायता पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। 30 मार्च को भारत की ओर से नौसैनिक जहाजों के जरिए करीब 52 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी जा रही है। इस राहत सामग्री में पीड़ितों के लिए वस्त्र, पीने का साफ पानी, खानपान की वस्तुएं, दवाइयां आदि शामिल हैं।
पीड़ित लोगों को सहायता पहुंचाने के इस अभियान में भारतीय नौसेना, वायु सेना और इंडियन आर्मी अपना योगदान दे रही है। वायुसेना के मुताबिक, म्यांमार के लोगों के साथ भारतीय वायुसेना ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत और बचाव मिशन में निरंतर कार्यरत है। रविवार को इस विषय में जानकारी देते हुए वायुसेना ने बताया कि अविलंब वायुसेना ने अपने विमान सेवा में लगाए हैं। अब तक वायुसेना के विमानों से कुल 96.3 टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा चुकी है। सेना चिकित्सा कोर तथा एनडीआरएफ के 198 कर्मियों को तीन वायुसेना के सी-130 जे और दो सी-17 विमानों के जरिए हवाई मार्ग से भेजा गया है।
म्यांमार को सहायता पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा विदेश मंत्रालय के नेतृत्व में, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, नौसेना और एनडीआरएफ के सहयोग से जारी है। वहीं, नौसेना ने बताया कि भारतीय नौसेना के जहाज सतपुरा और सावित्री, जो पूर्वी नौसेना कमांड से हैं, वे म्यांमार के शहर यांगून के लिए रवाना हो चुके हैं। यह भारतीय नौसेना की तत्काल व मानवतावादी सहायता और आपदा राहत के प्रति प्रतिक्रिया का हिस्सा है।
इसके अतिरिक्त, भारतीय नौसेना के जहाज करमुक और एलसीयू 52, जो अंडमान और निकोबार कमांड से हैं, 30 मार्च 2025 को यांगून के लिए रवाना हो रहे हैं। नौसेना ने अपने समुद्री जहाजों को राहत कार्यों में उतारने का फैसला किया है ताकि इन कार्यों में तुरंत सहायता की जा सके। नौसेना ने बताया कि इन जहाजों पर लगभग 52 टन राहत सामग्री लदी हुई है, जिसमें आवश्यक वस्त्र, पीने का पानी, खाद्य सामग्री, दवाइयां और आपातकालीन सामग्रियां शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि भारतीय नौसेना क्षेत्र में ‘पहली प्रतिक्रिया देने वाला’ बने रहने के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि 28 मार्च को म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप की त्वरित प्रतिक्रिया में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष चिकित्सा कार्य बल तैनात किया है। मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की 118 सदस्यीय टीम आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और आपूर्ति के साथ शीघ्र ही म्यांमार रवाना हुई है। राहत एवं बचाव ऑपरेशन के हिस्से के रूप में भारतीय सेना आपदा में घायल हुए लोगों की तत्काल देखभाल के लिए 60 बिस्तरों वाला चिकित्सा उपचार केंद्र भी स्थापित कर रही है।
सेना की यह मेडिकल सुविधा ट्रामा के मामलों, आपातकालीन सर्जरी और आवश्यक चिकित्सा सेवाओं को संभालने में सक्षम है। इससे स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सहायता मिलेगी, जो आपदा के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह मानवीय सहायता भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – विश्व एक परिवार है – के शाश्वत भारतीय सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। भारतीय सेना संकट के समय मित्र देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहती है, जो इस क्षेत्र में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने के भारत के संकल्प को दर्शाता है। इस तैनाती को विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर समन्वित किया गया है।
#OperationBrahma continues. @indiannavy ships INS Karmuk and LCU 52 are headed for Yangon with 30 tonnes of disaster relief and medical supplies.
🇮🇳 🇲🇲 pic.twitter.com/mLTXPrwn5h
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 30, 2025