Friday, August 1, 2025
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निसार मिशन 2025 (NISAR) : भारत और नासा का ऐतिहासिक सहयोग, वैश्विक पृथ्वी अध्ययन में नया अध्याय

श्रीहरिकोटा, (वेब वार्ता)। भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों — इसरो (ISRO) और नासा (NASA) — द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया ऐतिहासिक उपग्रह निसार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar – NISAR), 30 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक दक्षता का वैश्विक मंच पर प्रदर्शन करेगा।

इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य है पृथ्वी की सतह पर होने वाले भौगोलिक परिवर्तनों की निगरानी और विश्लेषण, जिसमें हिमालयी ग्लेशियरों की गति, समुद्री जलस्तर, वनों में परिवर्तन, भूकंप, भूस्खलन और ज्वालामुखी जैसी आपदाओं की पूर्व चेतावनी शामिल है।


🔭 क्या है निसार मिशन (NISAR)?

निसार (NISAR) यानी NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar, एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जिसे GSLV S-16 रॉकेट द्वारा 30 जुलाई को शाम 5:40 बजे लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (Sun-Synchronous Polar Orbit) में स्थापित किया जाएगा, जो इस मिशन को 24 घंटे एक समान प्रकाश व्यवस्था में पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों की निगरानी की क्षमता देता है।

इस मिशन में:

  • नासा ने L-बैंड रडार तकनीक उपलब्ध कराई है।

  • इसरो ने S-बैंड रडार का विकास किया है।
    दोनों बैंड एक साथ काम करके पृथ्वी की सतह से उच्च-रिज़ोल्यूशन डेटा इकट्ठा करेंगे।


🛰️ विशेषताएं और उपयोग

पूर्व इसरो वैज्ञानिक राधा कृष्ण कावुलुरू ने बताया कि निसार का डेटा न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान बल्कि वैश्विक सरकारों, जलवायु एजेंसियों और आपदा प्रबंधन संगठनों के लिए अमूल्य होगा। यह मिशन पूरी तरह से ओपन-सोर्स होगा, जिससे दुनियाभर के वैज्ञानिक इसे आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे।

“निसार जैसे मिशन भारत की अंतरिक्ष तकनीकी सामर्थ्य को वैश्विक मंच पर स्थापित करते हैं और यह वैश्विक डेटा इनोवेशन में अग्रणी होगा।” — राधा कृष्ण कावुलुरू


🌐 वैश्विक लाभ और साझेदारी

  • जलवायु परिवर्तन का अध्ययन: ग्लेशियरों की निगरानी और हिम पिघलने की गति की जानकारी देगा।

  • वन क्षेत्र में बदलाव: वनों की कटाई और पुनर्निर्माण पर बारीकी से नजर रखेगा।

  • भूस्खलन और आपदा पूर्व चेतावनी: संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और भूकंप जैसी आपदाओं का पूर्वानुमान लगाने में मदद करेगा।

इस मिशन की लॉन्चिंग के संबंध में नासा ने अपने आधिकारिक पोर्टल पर विस्तृत विवरण भी साझा किया है, जिसमें लॉन्च कवरेज की योजना और तकनीकी विवरण दिए गए हैं।


🛰️ निसार की तकनीकी जानकारी:

पैरामीटरविवरण
मिशन नामNASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR)
लॉन्च यानGSLV S-16
लॉन्च स्थानसतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा
ऑर्बिटसूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा
रडार तकनीकL-बैंड (NASA), S-बैंड (ISRO)
लॉन्च समय30 जुलाई, शाम 5:40 बजे
कक्षा में स्थापनालॉन्च के 19 मिनट के भीतर

 

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