लखनऊ, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के बरेली में मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक अजीब फतवा जारी किया है। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मुसलमान महिलाओं की भौंहे और बाल कटवाना शरीयत के उसूलों का उल्लंघन है और यह नाजायज है। ऐसे ही कुछ लोग भी अपने बालों से छेड़छाड़ कराते हैं, यह भी इस्लाम में नाजायज है, जैसे हेयर ट्रांसप्लांट।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा जिस व्यक्ति के कुदरती जो बाल है, उनके साथ छेड़छाड़ या अन्य तरीके के बाल लगवाना भी इस्लामी कानून शरीयत के खिलाफ है और मुसलमान महिलाओं या पुरुषों का आइब्रो बनवाना, मुड़वाना या नोचना जायज नहीं है। मौलाना ने आगे कहा कि जरूरत पड़ने पर इन्हें छंटवा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी अन्य के बाल अपने सिर पर उगाना इस्लाम में जायज नहीं है। तो वहीं तीन तलाक को लेकर भी मौलाना ने कहा कि शौहर के SMS द्वारा दिए गए तलाक की तस्दीक के बाद तलाक माना जाएगा।
बता दें कि यूपी के बरेली में आयोजित की गई शरई काउंसिल ऑफ इंडिया के वार्षिक सेमिनार में सुनाए गए फरमान के बाद मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने ये फतवा जारी किया है। यहां मसलक की तरफ से मुस्लिम महिलाओं और युवाओं के लिए अपने एक फैसले में आइब्रो बनवाना और हेयर ट्रांसप्लांट सहित विग लगाने को नाजायज बताया है। उन्होंने बताया कि, यदि आप सैलून या पार्लर चलाते हैं और आप मुस्लिम हैं, तो आप इस्लाम की नाफरमानी कर रहे हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट जायज है, लेकनि दूसरे व्यक्ति बाल उगाना जायज नहीं
उलेमा ने बताया, “हेयर ट्रांसप्लांट जायज है। इसका संदर्भ था कि यदि किसी कारण से जन्मजात बाल गिर गए तो अपने बाल दोबारा उगवाने का उपचार कर सकते हैं। लेकिप, अपने सिर पर किसी दूसरे व्यक्ति या पशु के बाल उगाना जायज नहीं है। ”
महासचिव फरमान मियां ने दूसरे सवाल के जवाब में कहा, “भौंहों को छांटना और पतली कराना या मुड़वाना नाजायज है। इसका संदर्भ था कि इसकी मूल स्वरूप में छेड़छाड़ न हो। हेयर संबंधी नियम पुरुष और महिला दोनों पर समान लागू होते हैं।
महासचिव फरमान मियां ने बताया, “तीन तलाक जुर्म है, लेकिन शरीयत का संदर्भ देकर इस पर लगातार चर्चा हो रही है। एक व्यक्ति ने सवाल किया कि शौहर ने बीवी को ‘एक तलाक’ देने के लिए SMS भेजा। वह इसे एक या तीन बार भेजे तो क्या तीन तलाक मानी जाएगी या नहीं ?”
SMS भेजने पर भी तलाक होगा मान्य
महासचिव फरमान मियां ने जवाब दिया कहा, “इसे एक तलाक ही माना जाएगा। इस स्थिति में एक तलाक को तीन बार जोर देकर लिखा गया हो। यदि तलाक भेजने से इरादे से मोबाइल फोन पर संबंधित शब्द टाइप कर दिए, तब भी तलाक मान्य होगा।”
महासचिव फरमान मियां ने बताया, “भले ही वह संदेश बीवी को भेजा जाए या न भेजा जाए। संदेश डिलीट कर देने पर भी तलाक माना जाएगा। SMS को शरीयत की रोशनी में खत या अन्य संदेश साधन की तरह माना गया है। ऐसी स्थिति में SMS पर भेजे गए संदेश जायज माने जाएंगे।”
उलमा ने शरीयत की रोशनी में विमर्श किया था- फरमान
जमात रजा-ए-मुस्तफा राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने बताया, “तीन दिवसीय सेमिनार में प्रमुख सवाल रखे गए थे। उलमा ने शरीयत की रोशनी में इन पर विमर्श किया था। जिसके बाद काजी एक हिंदुस्तान ने हेयर ट्रांसप्लांट और SMS से संबंधित सवालों के जवाब तय कर दिए हैं।”