30.1 C
New Delhi
Wednesday, September 27, 2023

भारत में हिंदुत्व नहीं रहेगा… आईआईटीकी प्रोफेसर दिव्या का बयान, मचा वबाल

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन समेत कई नेताओं के विवादित बोल के बीच अब आईआईटी दिल्ली की एक प्रोफेसर ने भी हिंदुत्व को लेकर आपत्तिजनक बातें कही हैं। आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर ने एक विदेशी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि भविष्य का भारत हिंदुत्वविहीन होगा। प्रोफेसर का वीडियो वायरल होने के बाद इस पर विवाद बढ़ गया है। यह वही प्रोफेसर हैं जिन्होंने 2019 में यह कहकर विवाद को जन्म दिया था कि हिदू धर्म 20वीं सदी में ही आया।

आईआईटी दिल्ली में सोशल साइंस डिपार्टमेंट की असोसिएट प्रोफेसर दिव्या द्विवेदी ने जी20 से जुड़े एक चर्चा के दौरान यह विवादित बातें कहीं। उन्होंने फ्रांस-24 से कहा, ‘दो भारत हैं, एक भारत पुराना है, जिसमें बहुसंख्यक आबादी को दबाने वाली जातिवादी व्यवस्था है। फिर एक भविष्य का भारत है जिसमें जातिवादी शोषण और हिंदुत्व नहीं होगा। यह वह भारत है जिसे अभी तक प्रस्तुत नहीं किया गया लेकिन इंतजार कर रहा है, दुनिया को अपना रूप दिखाने की चाहत है।’

फ्रांस-24 के पत्रकार ने जब भारत की आर्थिक प्रगति की बात की और कहा कि एक रिक्शाचलाने वाले को भी टेक्नॉलजी विकास का लाभ मिला है, तो द्विवेदी ने कहा कि इस तरह की बातें मीडिया ने गढ़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत 3000 सालों के जातिगत नस्लीय व्यवस्था से बना है, जहां ऊंची जाति के 10 फीसदी लोग 90 फीसदी शक्तिशाली पदों पर काबिज रहे यह आज भी जारी है। ‘

जब यह पूछा गया कि क्या इस तरह की असमानता G20 देशों नहीं है, द्विवेदी ने कहा भारत में यह नस्लीय उत्पीड़न, बहिष्कार और हिंदू धर्म के रूप में एक फर्जी प्रतिनिधित्व से जटिल हैं। द्विवेदी के बयान पर सोशल मीडिया पर घमासान छिड़ गया। बहुत से ‘एक्स’ यूजर्स ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताते हुए आरोप लगाया कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ नफरत फैला रही हैं।

रिक्शाचालक वाला उदाहरण और…

‘फ्रांस-24’ के पत्रकार ने भारत के आर्थिक विकास की चर्चा करते हुए एक रिक्शा चालक का उदाहरण दिया, जिसे तकनीकी प्रगति से लाभ हुआ है। द्विवेदी ने कहा कि इस तरह के किस्से मीडिया ने गढ़े हैं। उन्होंने कहा, ‘300 से ज्यादा वर्षों में नस्ली जातिगत व्यवस्था से भारत को आकार दिया गया, जहां 10% उच्च जाति के अल्पसंख्यक 90% शक्तिशाली पदों पर काबिज हैं। यह आज भी जारी है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या दूसरे जी20 देशों में इस तरह की असमानताएं मौजूद नहीं हैं, द्विवेदी ने कहा कि भारत में ये मुद्दे नस्ली उत्पीड़न, बहिष्कार और हिंदू धर्म के रूप में एक झूठी प्रस्तुति से बढ़े हैं। द्विवेदी की टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं। कई लोगों ने उन पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया है और कहा है कि वैश्विक प्लेटफॉर्म पर वह भारत के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रही हैं।

इलाहाबाद की रहने वालीं द्विवेदी ने  बातचीत में कहा कि जी20 अमीर और गरीब देशों का सम्मलेन है। उन्होंने कहा कि जीडीपी दुनिया में कहीं भी प्रगति का एकमात्र पैमाना नहीं है। अमीर देशों में भी गरीबी हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत में पैतृक शक्ति, सम्मान और समृद्धि है और दूसरी तरफ जन्म आधारित भेदभाव और गरीबी है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जो बातें कहीं वह व्यक्तिगत रूप से कहीं इसका संस्थान से कुछ लेनादेना नहीं है। उन्होंने अपनी बात को गलत तरीके से पेश किए जाने का दावा किया और कहा कि उन्हें दुख है कि न्याय की बात पर आपत्ति जाहिर की जा रही है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

10,370FansLike
10,000FollowersFollow
1,145FollowersFollow

Latest Articles