नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस (Congress) ने मणिपुर (Manipur Violence) के विषय पर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा बुलाई गई बैठक को ‘औपचारिकता’ करार देते हुए शनिवार को कहा कि केंद्र को प्रदेश में शांति बहाली के लिए गंभीर पहल करनी चाहिए और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) का तत्काल इस्तीफा लिया जाना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को इस मामले पर ‘चुप्पी’ तोड़नी चाहिए।
मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच तीन मई को भड़की हिंसा में अब तक लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। कांग्रेस की ओर से इस बैठक में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह शामिल हुए।
इबोबी सिंह ने दावा किया कि बैठक में उन्हें कुछ मिनट का समय दिया गया, जबकि उन्होंने अपनी बात रखने के लिए और समय मांगा था। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसी बैठक की अध्यक्षता करते। रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘तीन घंटे की बैठक में इबोबी सिंह जी को सात-आठ मिनट का समय दिया गया। यह न सिर्फ उनका और कांग्रेस का, बल्कि मणिपुर का भी अपमान है।”
#WATCH | “When I started giving my suggestions, I think he did not want to listen. I also mentioned that this was not the time to politicise the issue as normalcy needs to be brought in the state. I asked him to give me at least 5 mins to speak on the issue but he asked me to… pic.twitter.com/OzOESHQ6ew
— ANI (@ANI) June 24, 2023
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘आज की बैठक औपचारिकता थी, इसको लेकर गंभीर पहल होनी चाहिए। हम आशा करते हैं कि मिस्र से लौटने के बाद प्रधानमंत्री मणिपुर के लिए समय देंगे।” रमेश के अनुसार, कांग्रेस की ओर से बैठक में आठ बिंदुओं पर जोर दिया गया है, जिनमें मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बात यह है कि प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी तोड़ें। मणिपुर की हिंसा को 52 दिन बीत गए, लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं बोला।”
रमेश ने कहा, ‘‘बेहतर होता कि यह बैठक इम्फाल में होती। अगर ऐसा होता, तो एक संदेश जाता कि मणिपुर की पीड़ा, देश की पीड़ा है। हम उम्मीद करते हैं कि कभी न कभी राष्ट्रीय दलों की बैठक इम्फाल में होगी।” उन्होंने कहा, ‘‘सारे चरमपंथी समूहों के पास से हथियार लिया जाना चाहिए। उनके पास हथियार नहीं होना चाहिए।”
रमेश ने कहा, ‘‘बीरेन सिंह जब तक मुख्यमंत्री रहेंगे, तब तक शांति और सद्भाव का रास्ता नहीं निकल सकता है। इसलिए, प्रधानमंत्री तत्काल मुख्यमंत्री का इस्तीफा लें। मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि वह स्थिति को संभाल नहीं पाए।” उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर का नक्शा नहीं बदलना चाहिए, मणिपुर की सीमाएं पवित्र हैं। जो भी कदम उठाया जाए, वो संविधान के तहत होना चाहिए। मणिपुर के सभी समुदायों की मांगों को संवेदनशील तरीके से सुना जाए और एक आम सहमति बनानी चाहिए। फिर एक रूपरेखा तय होनी चाहिए।” कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि उचित मुआवजे और पुनर्वास के लिए राहत पैकेज की घोषणा होनी चाहिए।