वेबवार्ता डेस्क: मसाला किंग के नाम से मशहूर एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का आज सुबह निधन हो गया। वह 98 साल के थे। बताया जा रहा है कि धर्मपाल गुलाटी ने दिल्ली के माता चंदन देवी हॉस्पिटल में 3 दिसंबर को सुबह 6 बजे आखिरी सांस ली।
भारत में सबसे अग्रणी मसाला कंपनी में से एक एमडीएच मसालों (MDH Masala) को शिखर तक पहुंचाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharmpal Gulati Dies) का निधन हो गया है। वह 98 साल के थे। महाशय धर्मपाल गुलाटी के निधन पर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) से लेकर देश की कई बड़ी हस्तियों ने शोक जताया है। भारत और दुनिया के लिए महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharmpal Gulati) कोई आम शख्स नहीं थे। महाशय धर्मपाल गुलाटी ने जिस तरह से एक छोटी सी शुरुआत कर अपने मसाले को देश के घर-घर पहुँचाया, उसकी मिसालें आगे भी दी जाती रहेंगी। जिस एमडीएच मसाले (MDH Masala) को उन्होंने घर-घर पहुँचाया, उसका पूरा नाम ‘महाशियन दि हट्टी’ है।
पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था जन्म
मशहूर उद्योगपति महाशय धर्मपाल गुलाटी ने देश में दो हज़ार करोड़ रुपए का बिज़नेस नेटवर्क बनाया। वो भी ऐसे समय जब कोई सोच भी नहीं सकता था कि पैकेट बंद मसालों का कारोबार इस हद तक कामयाबी छू सकता है। महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट, (जो अब पकिस्तान में है) में हुआ था।
पाकिस्तान से आकर दिल्ली में तलाशा रोज़गार
महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharmpal Gulati) की ज़िंदगी सियालकोट (Sialkot) से शुरू हुई, लेकिन सियालकोट तक नहीं रुकी। भारत आज़ाद हुआ और देश के दो टुकड़े हो गए। पाकिस्तान (Pakistan) बना और तब पाकिस्तान के हिस्से आये सियालकोट से महाशय धर्मपाल गुलाटी का परिवार भी बेघर होकर भारत (India) आ गए। अनगिनत परिवारों के साथ ही गुलाटी परिवार के सामने रोज़ी-रोटी का संकट था। ऐसे में महाशय धर्मपाल गुलाटी अपने भाई के साथ दिल्ली (Delhi) आये। यहाँ रोज़गार की तलाश में जुट गए।
खुद पीसे और खोखे में रखकर बेचे मसाले
इस बीच महाशय धर्मपाल गुलाटी ने तांगा चलाना शुरू किया, लेकिन तांगा चलाने में महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharmpal Gulati) का मन नहीं लगा। उन्होंने तांगा अपने भाई को दे दिया और इसके बाद दिल्ली के करोल बाग़ की अजमल खां रोड (Ajmal KhanRoad Karol Bagh) पर एक छोटा-सा खोखा रख दिया और इसी खोखे में मसाले बेचना शुरू कर दिया। वह खुद मसाले पीसते और घर-घर भी देने जाते।
‘महाशियन दि हट्टी’ हुआ मशहूर, दो हज़ार करोड़ की कंपनी बन गई
बढ़िया क्वालिटी के चलते 60 महाशय धर्मपाल गुलाटी की मसाले की दुकान खूब मशहूर हो गई। महाशय धर्मपाल गुलाटी ने इसका नाम ‘महाशियन दि हट्टी’ (Mahashiyan Di Hatti) रखा। इसके बाद से ही महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharmpal Gulati) ने कारोबार को पूरे देश में फैला दिया। गुलाटी सिर्फ पांचवीं पास थे और देश में उनका कारोबार दो हज़ार करोड़ रुपए का है। उनकी सालाना सैलरी 25 करोड़ रुपए थी।
पद्म भूषण से हो चुके हैं सम्मानित

कारोबार और फूड प्रोसेसिंग में योगदान के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने वर्ष 2019 में महाशय धर्मपाल (Mahashay Dharmpal Gulati) को पद्म भूषण (Padma Vibhushan) से सम्मानित किया था।
निधन पर कई राजनीतिक हस्तियों ने भी जताया शोक
महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharmpal Gulati) के निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) ने ट्विटर (Twitter) पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि (Tribute) दी। वहीं मनीष सिसोदिया ने कहा कि वह एक प्रेरणा देने वाले कारोबारी थे।
Dharm Pal ji was very inspiring personality. He dedicated his life for the society. God bless his soul. https://t.co/gORaAi3nD9
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 3, 2020
बीजेपी के कैबिनेट मंत्री पियूष गोयल (Cabinet Minister Piyush Goyal) ने भी उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया।
देश के मसालों की सुगंध को पूरे विश्व मे फैलाने वाले, पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित महाशय धर्मपाल गुलाटी जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ।
अपनी उद्यमिता से स्वदेशी व आत्मनिर्भरता के साथ ही उन्होंने सामाजिक कार्यों का एक आदर्श स्थापित किया। ईश्वर उन्हें मोक्ष प्रदान करें। ॐ शांतिः pic.twitter.com/Nzi0zA6VPw
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 3, 2020