Sunday, October 5, 2025
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मल्लिकार्जुन खरगे देंगे इंडिया गठबंधन के सांसदों को डिनर, विपक्ष की रणनीति में बढ़ेगी मजबूती

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सोमवार को इंडिया ब्लॉक के सांसदों के लिए डिनर का आयोजन करने जा रहे हैं। यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब विपक्षी दल बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और कथित चुनावी धांधली के मुद्दे पर एकजुट होकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, सोमवार को विपक्षी सांसद संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च निकालेंगे। इसके बाद खरगे की ओर से चाणक्यपुरी के होटल ताज पैलेस में इंडिया गठबंधन के सांसदों के लिए डिनर आयोजित होगा। यह बैठक न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाले चुनावों में विपक्ष की साझा रणनीति तय करने का एक मंच भी बनेगी।


राहुल गांधी पहले ही कर चुके हैं डिनर बैठक

कुछ ही दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपने आवास पर इंडिया ब्लॉक के शीर्ष नेताओं के साथ डिनर बैठक की थी। उस बैठक में बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण और वोट चोरी मॉडल के खिलाफ लड़ाई के लिए एकजुट रहने की शपथ ली गई थी।
यह विपक्षी गुट की पहली फिजिकल बैठक थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इससे पहले, जून 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद उनकी अंतिम मुलाकात खरगे के आवास पर हुई थी।


कौन-कौन होंगे मौजूद

डिनर में 25 विपक्षी दलों के प्रमुख नेता शामिल होंगे, जिनमें प्रमुख हैं:

  • मल्लिकार्जुन खरगे (कांग्रेस)

  • सोनिया गांधी (कांग्रेस)

  • शरद पवार (एनसीपी-एसपी)

  • फारूक अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस)

  • महबूबा मुफ्ती (पीडीपी)

  • अखिलेश यादव (सपा)

  • तेजस्वी यादव (राजद)

  • अभिषेक बनर्जी (टीएमसी)

  • उद्धव ठाकरे (शिवसेना)

  • तिरुचि शिवा और टी.आर. बालू (डीएमके)

  • एम.ए. बेबी (एनसीपी)

  • डी. राजा (सीपीआई)

  • दीपांकर भट्टाचार्य (सीपीआई-एमएल)

  • कमल हासन (एमएनएम)


राजनीतिक महत्व

यह बैठक विपक्षी एकजुटता की दिशा में एक और बड़ा कदम मानी जा रही है। इंडिया ब्लॉक की कोशिश है कि वह भाजपा और एनडीए के खिलाफ एक साझा मोर्चा बनाए और चुनावी रणनीति में तालमेल बिठाए।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे डिनर मीटिंग न केवल राजनीतिक संदेश देते हैं, बल्कि दलों के बीच व्यक्तिगत संबंधों को भी मजबूत करते हैं, जिससे चुनावी तालमेल सहज बनता है।


भविष्य की राह

जानकारों का कहना है कि विपक्ष का अगला फोकस बिहार और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2026 के लोकसभा की तैयारियां होंगी। मतदाता सूची में पारदर्शिता, चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और गठबंधन की मजबूती इनके एजेंडे में प्रमुख रहेगी।

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