-विधानमंडल का मूल काम कानून बनाना : ओम बिरला
लखनऊ, 20 मई (अजय कुमार वर्मा)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि नियमित व्यवधानों के कारण विधानसभाओं की गरिमा गिर रही है जो चिंता का विषय है और इसे बनाए रखना निर्वाचित प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है। ओम बिरला शुक्रवार को 18वीं विधानसभा के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम और ई – विधान व्यवस्था के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
आज उत्तर प्रदेश विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के प्रबोधन व ई-विधान व्यवस्था के शुभारंभ के दौरान सम्मानित विधायकों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि लोकतंत्र के सशक्तिकरण के साथ संसदीय परंपराओं और विधायी प्रक्रियाओं को समृद्ध बनाना हमारा ध्येय होना चाहिए। pic.twitter.com/FuZ3BCHsm6
— Om Birla (@ombirlakota) May 20, 2022
उत्तर प्रदेश विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए बिड़ला ने कहा, “हंगामे, नारेबाजी और तख्तियों के प्रदर्शन के कारण विधान सभाओं की गरिमा गिर रही है और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के दौरान इस पर चिंता व्यक्त की गई थी।” उन्होंने कहा, “निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम गरिमा बनाए रखें। एक निर्वाचित प्रतिनिधि के व्यवहार से गरिमा बनी रहती है। मैं अनुरोध करूंगा कि सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली बहस और बातचीत (घर के दौरान) होनी चाहिए। कार्यवाही) हमें लोगों के मुद्दों और समस्याओं को तर्क के साथ उठाना चाहिए।”
प्रबोधन कार्यक्रम हेतु उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचने पर माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा के माननीय अध्यक्ष श्री सतीश महाना, माननीय विधायकगण और विद्वतजनों ने स्वागत किया तथा राज्य की ओर से पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।। pic.twitter.com/87044bEGdq
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अध्यक्ष ने कहा कि इन विधानसभाओं ने अनुकरणीय नेता तैयार किए हैं, जिन्होंने तर्क के साथ अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, “लोकसभा और विधानसभाएं देश में अनुकरणीय नेताओं के निर्माण के केंद्र हैं।” उन्होंने सदन में निर्वाचित प्रतिनिधियों की घटती उपस्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। “यह चिंता का विषय है कि विधान सभा में विधायकों की उपस्थिति घट रही है। यह एक नया अनुभव है और लोगों ने हमें सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए चुना है। यूपी में, जो दुनिया की सबसे बड़ी विधानसभा है, प्रयास इसे चर्चा और बातचीत का केंद्र बनाने के लिए बनाया जाना चाहिए जो देश और दुनिया में अन्य विधानसभाओं का मार्गदर्शन कर सके।” बिड़ला ने कहा कि चिंता का एक अन्य क्षेत्र यह है कि चर्चा की मात्रा में गिरावट आई है और कानून बनाते समय बातचीत होनी चाहिए। “विधानसभा और संसद का मूल कार्य भी कानून बनाना है।
यूपी विधानसभा का महत्वपूर्ण कानून बनाने में एक गौरवशाली अतीत रहा है, जिसने व्यापक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाए, लोगों को कानून की मदद से न्याय दिलाने में मदद की और अपना जीवन बनाया। सरल, “उन्होंने कहा। उन्होंने कहा, “निर्माण करते समय व्यापक चर्चा होनी चाहिए और इसे बनाने से पहले जनता से कानून और इनपुट लिया जाना चाहिए। बेहतर चर्चा यह सरकार को मार्गदर्शन करने में मदद करेगी ताकि कानून, जो वास्तव में कल्याण के लिए बनाया जा रहा है। लोग, वास्तव में उन्हें लाभान्वित करते हैं।”
हमारा आचरण सदन के मर्यादानुकूल हो, हमारी सक्रियता जनाकांक्षाओं की पूर्ति करें, सदन में कार्योत्पादकता के उच्च मानक स्थापित हो तथा एक राष्ट्र-एक विधायी मंच के माध्यम से पारदर्शिता का विस्तार हो; इसी ध्येय पर काम करते हुए हमें सदन की प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि करनी है। pic.twitter.com/xut1zidVo0
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अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार विधायक सदन की पुरानी बहसों का अनुभव लें। “जितना अधिक वे अध्ययन करेंगे वे अपने मुद्दे को बेहतर तरीके से रख पाएंगे। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री और सदन के नेता योगी आदित्यनाथ और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने भी संबोधित किया. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बिड़ला का स्वागत किया और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शुक्रवार सुबह लखनऊ पहुंचे। चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अमौसी पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उनका स्वागत किया। विधानसभा में आज से ई- विधान प्रणाली आरम्भ होगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीक के इस्तेमाल से 25 करोड़ जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। विधानसभा में ई-विधान लागू किए जाने के संदर्भ में उन्होंने सरकार के मंत्रियों और विधानसभा सदस्यों से पूर्ण मनोयोग से इसका प्रशिक्षण लेने और तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने का सुझाव दिया । उन्होंने कहा कि हम तकनीक से भागे नहीं, उसे अंगीकार करें लेकिन उसके पिछलग्गू भी न बनें। जनप्रतिनिधि के रूप में फील्ड में जाकर जनता से संवाद करना हमारा प्रथम कर्तव्य है।
उत्तर प्रदेश के विधान सभा सदस्यों के लिए आयोजित ‘प्रबोधन एवं ई-विधान प्रशिक्षण’ कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर… https://t.co/y9EFlJrQk2
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यदि हम लोगों से वर्चुअली जुड़ने लगेंगे तो चुनाव के समय जनता कहेगी कि हम आपको वर्चुअली वोट भी देंगे। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी का सरकार के कामकाज में जितना इस्तेमाल होगा काम में उतनी आसानी होगी। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, भ्रष्टाचार भी दूर होगा। जनता को भी इसका लाभ मिलेगा। हमारी सरकार ने जब डायल 100 कार्यक्रम शुरू किया था तो उसका भी बहुत विरोध हुआ था लेकिन इन विरोधों को दरकिनार करते हुए हमने तकनीक पर आधारित इस व्यवस्था को लागू किया। मुझे गर्व है कि आज यह देश की सबसे बेहतरीन व्यवस्था है।
दोपहर दो बजे से नवीन भवन के तिलक हाल में विधायकों का प्रबोधन कार्यक्रम शुरू होगा। इसमें सुरेश खन्ना सदस्यों को संसदीय शिष्टाचार एवं आचरण का पाठ पढ़ाएंगे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी कार्य स्थगन, अविलंबनीय लोक महत्व के प्रश्न एवं शून्य प्रहर विषय पर प्रशिक्षण देंगे। औचित्य का प्रश्न और संसदीय समितियां विषय के वक्ता पूर्व मंत्री डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी होंगे, जबकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित संसदीय प्रश्न और प्रश्न पूछने का तरीका नए विधायकों को बताएंगे।
दूसरे दिन का सत्र शनिवार सुबह 11 बजे तिलक हाल में शुरू होगा, जिसमें राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अपने विचार रखेंगे। दोपहर दो बजे विधान सभा मंडप में ई-विधान का प्रशिक्षण शुरू होगा। सबसे पहले विषय की जानकारी महाना देंगे। इसके बाद एनआइसी के विशेषज्ञ विधायकों को तकनीकी जानकारियां देंगे। शाम 4:30 बजे दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र 23 मई से शुरू हो रहा है। बजट सत्र से विधान सभा में नेशनल ई-विधान परियोजना को लागूू करने की तैयारी है। इसके जरिये विधान सभा की कार्यवाही को कागजरहित बनाने का इरादा है। ई-विधान परियोजना के तहत विधान सभा मंडप में प्रत्येक सदस्य की मेज पर टैबलेट लगाए गए हैं जिसके माध्यम से वह सदन की कार्यवाही में भाग ले सकेंगे। विधायकों को ई-विधान का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में अठारहवीं विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों को सदन की कार्यवाही, नियमों और परंपराओं के बारे में प्रशिक्षण देने के लिए दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। विधानसभा मंडप में शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बतौर मुख्य अतिथि इसका शुभारंभ किया, जबकि शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का उद्बोधन होगा। इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित विपक्ष के दिग्गज और पूर्व जनप्रतिनिधि भी विधायकों को सदन की कार्यवाही, संसदीय परंपराओं आदि का पाठ पढ़ाएंगे।