नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। लोकसभा का विशेष सत्र अपने निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सत्र में महिलाओं के आरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक को पारित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों’ पर चर्चा के बाद सदन की बैठक स्थगित करने की घोषणा की।
राज्यसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित
राज्यसभा का विशेष सत्र अपने निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही बृहस्पतिवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन में महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023′ पारित होने के बाद बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। उच्च सदन की 19 सितंबर की पहली बैठक नये संसद भवन में हुई। 20 सितंबर को सदन में ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों’ पर चर्चा हुई। महिला आरक्षण संबंधी विधेयक पर बृहस्पतिवार को उच्च सदन में 10 घंटे से अधिक चर्चा हुई।
सदन की बैठक एक दिन पहले स्थगित
कार्यवाही स्थगित करने से पहले वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए सदन ने एक संकल्प भी पारित किया। सदन की बैठक निर्धारित तिथि से एक दिन पहले स्थगित कर दी गई। विशेष सत्र का समापन 22 सितंबर को होना था। यह 18 सितंबर को आरंभ हुआ था। इस विशेष सत्र में पहले दिन 18 सितंबर को कार्यवाही संसद के पुराने भवन में हुई, जिसे अब ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाता है।
31 घंटे तक चला सदन
नए संसद भवन में 19 सितंबर से सदन की बैठक आरंभ हुई और पहले ही दिन महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023′ पेश किया गया। कानून बनने के बाद इसे ‘नारीशक्ति वंदन अधिनियम’ से नाम से जाना जाएगा। इसके तहत लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। बिरला ने कहा कि इस विशेष सत्र में कार्य उत्पादकता 132 प्रतिशत रही। इस दौरान 31 घंटे तक सदन चला।
राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पारित
लोकसभा के बाद राज्यसभा (Rajya Sabha) में भी महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम गुरुवार को पारित हो गया। इस बिल के विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। यानी बिल के समर्थन में सभी 215 वोट पड़े। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा। (भाषा इनपुट के साथ)
लोकसभा में पारित हुआ बिल
इससे पहले, बुधवार को महिला आरक्षण बिल लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पारित हुआ, जिसमें महिलाओं को चुनाव लड़ने के लिए 33% का आरक्षण का प्रावधान है। इस बिल को लेकर मतदान पर्चियों के जरिए किया गया। निचले सदन में बिल के पक्ष में 454 और खिलाफ में 2 मत डाले गए। इस विधेयक का कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने समर्थन किया।