Webvarta Desk: Farmers Protest: नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस के राष्ट्रपति भवन तक मार्च (Kisan March) को पुलिस ने रोक दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पौने दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च (Kisan March) का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धारा 144 लगाते हुए केवल तीन कांग्रेस नेताओं को ही राष्ट्रपति से मुलाकात की इजाजत दी।
मोदी के खिलाफ भागवत खड़े हुए, तो वे भी आतंकवादी बताए जाएंगे
सामूहिक मार्च से रोके जाने के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रपति को कृषि कानून के खिलाफ किसानों के हस्ताक्षर सौंपे। राहुल ने केंद्र सरकार पर बरसते हुए कहा कि अगर संघ प्रमुख भागवत किसी दिन मोदी के खिलाफ खड़े हो गए, तो उन्हें भी आतंकवादी बता दिया जाएगा।
राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा, हम तीन लोग राष्ट्रपति के पास गए। हम करोड़ों किसानों के हस्ताक्षर लेकर गए। हम किसानों की आवाज राष्ट्रपति तक ले गए हैं। सर्दी का मौसम है और पूरा देश देख रहा है कि किसान दुख में है, दर्द में है और मर रहा है। पीएम को सुनना पड़ेगा। मैं अडवांस में बोल देता हूं। मैंने कोरोना पर बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। आज फिर बोल रहा हूं कि किसान और मजदूर के सामने कोई ताकत नहीं चलेगी। इससे बीजेपी आरएसएस नहीं, देश को नुकसान होने जा रहा है। यह किसान विरोधी कानून है। इससे किसान और मजूदरों को जबर्दस्त नुकसान होने वाला है। सरकार ने कहा था कि कानून किसान के फायदे के लिए है। लेकिन किसान इस कानून के खिलाफ खड़ा है। सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए कि किसान और मजदूर घर चले जाएंगे। नहीं जाएंगे। जब तक कानून वापस नहीं लिया जाएगा। संसद का जॉइंट सेशन बुलाइए और कानून को वापस लीजिए। हम किसानों के साथ खड़े हैं।
Delhi: Congress leaders Rahul Gandhi, Ghulam Nabi Azad & Adhir Ranjan Chowdhury visit Rashtrapati Bhavan. Gandhi says, "I told the President that these farm laws are anti-farmer. The country has seen that farmers have stood up against these laws". pic.twitter.com/4Y8hsQIhgN
— ANI (@ANI) December 24, 2020
प्रियंका और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मंदिर मार्ग थाने ले गई पुलिस
कांग्रेस का सुबह साढ़े 11 बजे राष्ट्रपति भवन तक मार्च का कार्यक्रम था, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। राहुल और प्रियंका गांधी ने इसके बाद करीब आधे घंटे तक कांग्रेस मुख्यालय के लॉन में बैठकर मार्च की रणनीति बनाई। पुलिस नहीं मानी, तो प्रियंका गांधी जबरन सड़क पर उतर आईं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मार्च निकालने की कोशिश करने लगीं। इसके बाद पुलिस ने उन्हें और बाकी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस प्रियंका को मंदिर मार्ग थाने ले गई।
यह सरकार पापी हैः प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हम लोकतंत्र में रह रहे हैं और ये चुने गए सांसद हैं। उन्हें राष्ट्रपति से मिलने का अधिकार है, उन्हें अनुमति मिलनी चाहिए। सरकार को क्या दिक्कत है? बॉर्डर पर खड़े लाखों किसानों की आवाज सरकार क्यों नहीं सुन रही है। किसानों के लिए जिस तरह के नामों का इस्तेमाल किया गया, वह पाप है। अगर सरकार उन्हें देशद्रोही कह रही है तो सरकार पापी है
It is a sin to use the kind of names they (BJP leaders & supporters) used for farmers. If Govt is calling them anti-nationals, then the govt is a sinner: Congress leader Priyanka Gandhi https://t.co/alLztWn5bS pic.twitter.com/t05DbhtfJL
— ANI (@ANI) December 24, 2020
पुलिस ने लगाई धारा 144, केवल 3 कांग्रेस नेताओं को इजाजत
दिल्ली पुलिस के अडिशनल डीसीपी दीपक यादव ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेताओं को राष्ट्रपति भवन तक मार्च की अनुमित नहीं दी गई है। हालांकि 3 नेताओं को राष्ट्रपति से मिलने के लिए जाने दिया जाएगा।’ बताया जा रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रपति भवन मार्च से पहले पार्टी मुख्यालय के पास धारा 144 लगा दी गई है।
Delhi: Congress leader Rahul Gandhi meets senior party leaders & MPs at party headquarters.
He is scheduled to lead a march from Vijay Chowk to Rashtrapati Bhavan to submit to the President a memorandum containing 2 crore signatures seeking his intervention in farm laws issue. pic.twitter.com/0JaggZsWdM
— ANI (@ANI) December 24, 2020
किसान बोले- ‘खुले दिल’ से बात करे सरकार
प्रदर्शनकारी किसान संघों ने गेंद सरकार के पाले में होने की जिक्र करते हुए बुधवार को उससे कहा कि वह बातचीत फिर से शुरू करने के लिये नया ठोस प्रस्ताव लेकर आए, वहीं कृषि मंत्री ने कहा कि समाधान तक पहुंचने का संवाद ही एक मात्र रास्ता है और सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी 6 राज्यों के किसानों से करेंगे बातचीत
तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच गतिरोध खत्म होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 6 राज्यों के किसानों के साथ बातचीत करेंगे और इस दौरान किसान केंद्र की ओर से की गई विभिन्न पहलों को लेकर अपने अनुभव साझा करेंगे।