28.1 C
New Delhi
Monday, June 5, 2023

Kartavya Path: गुलामी का प्रतीक मिट गया… कर्तव्य पथ के उद्घाटन में कांग्रेस को सुना आए PM मोदी

वेबवार्ता: कर्तव्य पथ (Kartavya Path) का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। आज हर तरफ जो नई आभा दिख रही है वो नए भारत की आत्मविश्वास की आभा है। गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानी राजपथ आज से इतिहास की बात हो गया है। हमेशा के लिए मिट गया है। आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है।

उन्होंने (PM Modi) कहा कि मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृत काल में गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बधाई देता हूं। मोदी ने आगे कहा कि आज इंडिया गेट के पास हमारे राष्ट्र नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है। गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी, आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की स्थापना करके आधुनिक और सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है।

इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की सरकारों पर भी निशाना साधा। पीएम (PM Modi) ने कहा कि अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर पहुंचता। लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया।

आजादी के बाद महानायक को भुला दिया गया

उन्होंने कहा कि वाकई, ये अवसर ऐतिहासिक है। ये अवसर अभूतपूर्व है। हम सभी का सौभाग्य है कि हम आज का ये दिन देख रहे हैं। इसके साक्षी बन रहे हैं। सुभाष चंद्र बोस ऐसे महामानव थे, जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे। उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था। उनमें साहस था, स्वाभिमान था। उनके पास विचार था विजन था। उनके नेतृत्व की क्षमता थी।

PM ने कहा कि नेताजी कहा करते थे- भारत वह देश नहीं, जो अपने गौरवमयी इतिहास को भुला दे। भारत का गौरवमयी इतिहास हर भारतीय के खून में है। उसकी परंपराओं में है। नेताजी भारत की विरासत पर गर्व करते थे और देश को जल्द से जल्द आधुनिक भी बनाना चाहते थे।

कांग्रेस पर निशाना

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आजादी के बाद नेताजी के विचारों, उनसे जुड़े प्रतीकों को नजरअंदाज कर दिया गया। सुभाष बाबू के 125वें जयंती के आयोजन पर कोलकाता में उनके घर जाने का अवसर मिला। नेताजी से जुड़े स्थान पर जो अनंत ऊर्जा थी, उसे मैंने महसूस किया था। आज देश का प्रयास है कि नेताजी की वो ऊर्जा देश का पथ प्रदर्शन करे। कर्तव्य पथ पर नेताजी की प्रतिमा इसका माध्यम बनेगी। देश की नीतियां और निर्णयों में सुभाष बाबू की छाप रहे, ये प्रतिमा इसके लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।

पिछले 8 वर्षों में हमने एक के बाद एक ऐसे कितने निर्णय लिए हैं जिन पर नेताजी के आदर्शों और सपनों की छाप है। नेताजी अखंड भारत के पहले प्रधान थे, जिन्होंने 1947 से भी पहले अंडमान को आजाद कराकर तिरंगा फहराया था। उस वक्त उन्होंने कल्पना की थी कि लालकिले पर तिरंगा फहराने की क्या अनुभूति होगी। इस अनुभूति का साक्षात्कार मैंने स्वयं किया, जब मुझे आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला।

आज पथ अपने हैं, प्रतीक अपने

मोदी ने कहा कि आज भारत के आदर्श अपने हैं, आयाम अपने हैं। आज भारत के संकल्प अपने हैं, लक्ष्य अपने हैं। आज हमारे पथ अपने हैं, प्रतीक अपने हैं। आज अगर राजपथ का अस्तित्व समाप्त होकर कर्तव्यपथ बना है, आज अगर जॉर्ज पंचम की मूर्ति के निशान को हटाकर नेताजी की मूर्ति लगी है, तो ये गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है। ये न शुरुआत है, न अंत है। ये मन और मानस की आजादी का लक्ष्य हासिल करने तक, निरंतर चलने वाली संकल्प यात्रा है।

आज देश अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों क़ानूनों को बदल चुका है। भारतीय बजट, जो इतने दशकों से ब्रिटिश संसद के समय का अनुसरण कर रहा था, उसका समय और तारीख भी बदली गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अब विदेशी भाषा की मजबूरी से भी देश के युवाओं को आजाद किया जा रहा है।

केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता नहीं कर्तव्य पथ

PM ने कहा कि कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है। ये भारत के लोकतान्त्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है। यहां जब देश के लोग आएंगे, तो नेताजी की प्रतिमा, नेशनल वार मेमोरियल, ये सब उन्हें कितनी बड़ी प्रेरणा देंगे, उन्हें कर्तव्यबोध से ओत-प्रोत करेंगे। राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे। राजपथ की भावना भी गुलामी का प्रतीक थी, उसकी संरचना भी गुलामी का प्रतीक थी। आज इसका आर्किटैक्चर भी बदला है, और इसकी आत्मा भी बदली है।

आज के इस अवसर पर, मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है। मैं देश के हर एक नागरिक का आवाहन करता हूँ, आप सभी को आमंत्रण देता हूं…आइए, इस नवनिर्मित कर्तव्यपथ को आकर देखिए। इस निर्माण में आपको भविष्य का भारत नज़र आएगा। यहां की ऊर्जा आपको हमारे विराट राष्ट्र के लिए एक नया विज़न देगी, एक नया विश्वास देगी।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

10,370FansLike
10,000FollowersFollow
1,141FollowersFollow

Latest Articles