नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली के कंझावला हिट एंड रन कांड में कोर्ट का फैसला आ गया है. कंझावला कांड में आरोपियों के खिलाफ रोहिणी कोर्ट ने आरोप तय किए. कोर्ट के फैसले के मुताबिक, अंजलि को घसीटने वाली कार में मौजूद सभी 4 आरोपियों पर हत्या का मुकदमा चलेगा. कोर्ट ने आरोपी अमित, किशन, मनोज और मिथुन के खिलाफ हत्या के आरोप तय किए.
दरअसल, इस मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसी साल अप्रैल में करीब 800 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें 117 गवाहों से पूछताछ की गई. पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया था कि आरोपियों ने शराब पी रखी थी. ये चारों आरोपी उस दिन गाड़ी में मौजूद थे. इस मामले में शामिल आरोपी दीपक, आशुतोष, और अंकुश के खिलाफ कोर्ट ने सबूत मिटाने का आरोप तय किया. इन तीनों के खिलाफ दाखिल आपराधिक साजिश की धारा 120 B को कोर्ट ने हटा दिया. रोहिणी कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को 14 अगस्त को पेश होने के लिए समन जारी किया है.
पुलिस ने बताया था कि मामला एक्सीडेंट का है. पुलिस के मुताबिक, बलेनो कार से अंजलि की स्कूटी की टक्कर हुई थी. इस टक्कर के बाद उसका पैर कार में फंस गया. इसके बाद वह 4 किमी तक घिसटती गई. पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
अंजलि की मौत के बाद उसकी दोस्त निधि ने बताया था कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी की रात अंजलि ने काफी शराब पी थी. पुलिस ने अंजलि के पोस्टमॉर्टम के दौरान उसके सैंपल्स को विसरा जांच के लिए भेजा था. जिसकी रिपोर्ट में शराब पीने की बात सामने आई. यानी की हादसे के वक्त अंजलि शराब के नशे में स्कूटी चला रही थी.
पुलिस ने चार्जशीट की थी दाखिल
रोहिणी कोर्ट ने कंझावला हिट एंड रन मामले में अप्रैल में 800 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया था. पुलिस ने पूछताछ के दौरान 117 गवाहों से पूछताछ की थी. रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीरज गौड़ ने सभी आरोपियों एवं अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस पर आज यानी 27 जुलाई को फैसला आया है.
7 में 4 पर हत्या का आरोप
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में जिन 7 आरोपियों में से चार के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया था, वह दुर्घटना के वक्त गाड़ी के अंदर मौजूद थे. इनके नाम अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन और मनोज मित्तल हैं. सूत्रों के मुताबिक पुलिस के हाथ कुछ ऐसे महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज लगे थे, जिनसे यह बात साफ होती है कि दुर्घटना के स्पॉट के कुछ ही दूरी पर आरोपियों को पता लग गया था कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंसी है.
इसके साथ ही अदालत ने तीन आरोपियों आशुतोष भारद्वाज, अंकुश और दीपक खन्ना पर आपराधिक साजिश का चार्ज नहीं लगाते हुए निर्देश दिया कि इन तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 182, 34, 201 और 212 के तहत चार्ज फ्रेम करने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी। पुलिस ने इस मामले में दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल को इस मामले में 2 जनवरी को इस केस में गिरफ्तार किया था। सह-आरोपी आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
घटना के दिन अंजलि की स्कूटी से बलेनो कार से टक्कर हुई थी। इस टक्कर के बाद अंजिल कार के निचले हिस्से में फंस गई थी। आरोप है कि कार चालक और कार में सवार में अन्य लोगों को भी इसके बारे में जानकारी थी। बावजूद इसके उन्होंने अंजलि के साथ ज्यादती की थी। अंजलि की मौत के बाद सभी आरोपी उसे सड़क पर छोड़कर भाग गये थे। पुलिस ने इस मामले में 800 पन्नो की चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस ने इस कांड में 7 लोगों को आरोपी बनाया था। बताया जा रहा है कि इस मामले में 117 गवाहों से पूछताछ की थी।