-अकबर खान-
भोपाल, 01 मई (वेब वार्ता)। एक ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ सत्ता में वापसी की राह बनाने हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बीजेपी उन पर लगातार हमलवार है। रविवार को जहां पूर्व सीएम 2023 में सरकार बनने पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की बात कहते नजर आए।
वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी उन पर फिर से हमलावर होते हुए नजर आए। केसवानी ने उन पर आरोप लगाया कि भले ही मप्र में कमलनाथ को चार साल पूरे हो गए हों, लेकिन उनके इरादों और झूठे वादों को प्रदेश की जनता समझ चुकी है। इस कारण सत्ता में वापसी का तो कोई मौका उनके पास बचा ही नहीं है। कांग्रेस सदन में सम्मान जनक संख्या हासिल कर यही उनके लिए बड़ी कामयाबी हो जाएगी।
डॉ. केसवानी ने कहा कि सत्ता में आते ही कमलनाथ अहंकारी हो गए थे और विधायक दल के नेता ने विधायकों को ही समय देना छोड़ दिया था। कोई विधायक उनसे आम लोगों की समस्याएं लेकर जाता था तो उसे चलो चलो हो गया कहकर भगा दिया जाता था। यही कारण था कि उनसे त्रस्त होकर कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और 15 साल बाद सत्ता में लौटी सरकार 15 माह में ही अल्पमत में आ गई। इस दौरान कांग्रेस नेता ने बादे तो खूब किए, लेकिन किसी भी वादे पर अमल नहीं किया। उनके वचन पत्र में शामिल 973 वचनों में से एक को भी 15 माह के कार्यकाल में पूरा नहीं कर सके।
अब नाथ सत्ता में वापसी के लिए झूठ के बुनियाद पर अपना किला बनाने का प्रयास कर रहे हैं। न ही पिछली बार उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया। न ही बेरोजगारी भत्ता दिया। बिजली पानी और सड़क की समस्या का समाधान करने के बजाय राज्य को गर्त में धकेल दिया। ऐसे में फिर से सत्ता वापसी का सपना त्याग देना चाहिए।