वेबवार्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ (INS Vikrant) का जलावतरण किया। इसे लेकर उन्होंने आज आईएनएस विक्रांत को नौसेना (Indian Navy) में शामिल किए जाने के समारोह की झलकियों का एक वीडियो शेयर किया।
पीएम मोदी (PM Modi) ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन! जब मैं कल आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर सवार था तो उस गर्व की भावना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।’
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने के मौके पर पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, ‘विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अगर लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।’
A historic day for India!
Words will not be able to describe the feeling of pride when I was on board INS Vikrant yesterday. pic.twitter.com/vBRCl308C9
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2022
प्रोजेक्ट पर काम करने वालों की प्रशंसा
मोदी ने नौसेना, कोचीन शिपयार्ड के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और विशेष रूप से परियोजना पर काम करने वाले श्रमिकों के योगदान को स्वीकार किया और उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ओणम का सुखद और शुभ अवसर खुशी में इजाफा कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वे भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे। इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए थे।’
INS विक्रांत की खासियतें
मालूम हो कि दो फुटबॉल मैदानों के आकार के बराबर एक फ्लाइट डेक, 18 मंजिल की ऊंचाई, एक दिन में 16,000 चपाती बना सकने वाले रसोई के उपकरण, समुद्र में हर पल नजर रखने वाली प्रणाली, 2,500 किलोमीटर लंबी केबल जैसी विशेषताएं भारत के स्वदेश निर्मित पहले विमानवाहक पोत ‘आईएनएस’ विक्रांत को खास बनाती हैं। इस 45,000 टन वजनी युद्धपोत को जब भारतीय नौसेना में शामिल किया गया तो इसके फ्लाइट डेक पर एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच), एक कामोव-31 और एक मिग-29के खड़ा था।