नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (वेब वार्ता)। भारतीय वायुसेना अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने वाली है. वह करीब 700 मिसाइलें खरीदने वाली है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अस्त्र मार्क-2 एयर-टू-एयर मिसाइल की रेंज को करीब 200 किलोमीटर तक करेगा. पहले इसकी रेंज 160 किलोमीटर तक थी, लेकिन अब यह मिसाइल और ज्यादा दूरी तय कर सकेगी. वायुसेना इन मिसाइलों को खरीदने वाली है.
‘एएनआई’ की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय जल्द ही अस्त्र मार्क-2 को लेकर चर्चा कर सकता है. यह मिसाइल बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) यानी की आंखों से न दिखाई देने वाली दूरी तक दुश्मनों पर मार कर सकती है. भारत खुद ऐसी मिसाइलें लंबे वक्त से बना रहा है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद वायुसेना अपनी ताकत को और ज्यादा बढ़ा रही है. यह उससे जुड़ा बड़ा कदम है.
अस्त्र मार्क-2 को कहां किया जाएगा तैनात
पिछले प्लान के मुताबिक, डीआरडीओ अस्त्र मार्क-2 मिसाइल की रेंज लगभग 160 किलोमीटर तक रखने पर विचार कर रही था, लेकिन अब वह 200 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने वाला वर्जन विकसित करने पर काम कर रहा है. भारतीय वायुसेना लगभग 700 ‘अस्त्र मार्क-2’ मिसाइलें खरीदने जा रही है, जिन्हें वायुसेना के सुखोई और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) बेड़े पर तैनात किया जाएगा.
अस्त्र मार्क-2 की रेंज में होंगे पाकिस्तान के ये शहर
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को अच्छी तरह सबक सिखाया था. इस दौरान वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई थी. अगर अस्त्र मार्क-2 मिसाइल की बात करें तो इसकी पहुंच पाकिस्तान के कई बड़े शहरों तक है. भारतीय सीमा से लाहौर की दूरी करीब 25 से 30 किलोमीटर है. इसके साथ-साथ सियालकोट, गुजरांवाला, फैसलाबाद और भी कई शहर इसकी रेंज में होंगे.
सुखोई और एलसीए की बढ़ेगी ताकत
अस्त्र मार्क-2 मिसाइल स्वदेशी है, लिहाजा इसे आसानी से सेना तक पहुंचाया जा सकता है. इसकी वजह से सुखोई और एलसीए की ताकत भी बढ़ जाएगी. भारतीय वायुसेना युद्ध के दौरान इसके इस्तेमाल बिना किसी रुकावट के कर सकेगी.