नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। देश के कई हिस्सों में भीषण बाढ़ की स्थिति बन गई है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) द्वारा जारी ताज़ा बुलेटिन में चेतावनी दी गई है कि असम, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इन राज्यों में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
🌊 असम: धलेश्वरी, कटखल और बुरिदेहिंग नदियों का कहर
असम के हैलाकांडी और तिनसुकिया जिलों में धलेश्वरी, कटखल और बुरिदेहिंग नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं:
धलेश्वरी नदी (घारमुरा): 29.74 मीटर (खतरे के निशान से 1.69 मीटर ऊपर)
कटखल नदी (मतिजुरी): 20.73 मीटर (0.46 मीटर ऊपर)
बुरिदेहिंग नदी (मार्गेरिटा): 134.55 मीटर (0.13 मीटर ऊपर)
स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
🌉 बिहार: गंगा और सहायक नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है
बिहार के कई जिलों में गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर चिंताजनक है:
बक्सर: 60.85 मीटर
दानापुर: 51.92 मीटर
दीघा घाट: 51.1 मीटर
गांधी घाट: 49.87 मीटर
हथिदह: 42.74 मीटर
अन्य नदियों में कोसी, बूढ़ी गंडक, बागमती, पुनपुन, धरधा और बाया जैसी नदियां भी खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। खगड़िया और कटिहार सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं।
🏔️ उत्तराखंड: अलकनंदा, मंदाकिनी और भागीरथी में उफान
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और गौरीकुंड में:
अलकनंदा (रुद्रप्रयाग): 627.6 मीटर
मंदाकिनी (गौरीकुंड): 1976.8 मीटर
इसके अतिरिक्त, हरिद्वार में बाणगंगा और टिहरी गढ़वाल में भागीरथी नदी भी खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में बाढ़ के साथ-साथ भूस्खलन की भी आशंका बढ़ रही है।
🧭 झारखंड, यूपी, एमपी और बंगाल में भी संकट
झारखंड (साहेबगंज): गंगा 27.74 मीटर पर बह रही है (0.49 मीटर ऊपर)
मध्य प्रदेश (दतिया): सिंध नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर
उत्तर प्रदेश (बदायूं और वाराणसी): गंगा में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है
पश्चिम बंगाल (मुर्शिदाबाद): गंगा (फरक्का) 23.04 मीटर (0.79 मीटर ऊपर)
इन सभी राज्यों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए राहत और बचाव दल सक्रिय कर दिए गए हैं।
⚠️ केंद्रीय जल आयोग की चेतावनी और अपील
सीडब्ल्यूसी ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने, नदियों के पास न जाने, और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की है। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन को राहत शिविर, राशन, और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।