नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के शोधकर्ताओं ने चिकित्सा विज्ञान में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने एक ऐसी नई दवा विकसित की है जो एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया से होने वाले गंभीर संक्रमणों का प्रभावी उपचार कर सकती है।
यह दवा शक्तिशाली एंटीबायोटिक मेरोपेनम के साथ मिलकर काम करती है और विशेष रूप से क्लेबसिएला न्यूमोनिया जैसे खतरनाक सुपरबग्स के खिलाफ प्रभावशाली साबित हो रही है। यह खोज बढ़ते एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic Resistance) के दौर में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
इस शोध को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘जर्नल ऑफ मेडिसिनल केमिस्ट्री’ में प्रकाशित किया गया है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने कहा,
“यह खोज हमारे संस्थान की वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए वैज्ञानिक प्रयासों को दर्शाती है। बढ़ते एंटीबायोटिक प्रतिरोध के मद्देनजर इस तरह के शोध न केवल बेहतर इलाज प्रदान करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली को भी मजबूत बनाते हैं।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नई दवा दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है और गंभीर रोगियों के जीवन बचाने में मददगार साबित होगी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे “हेल्थकेयर इनोवेशन में भारत की बड़ी उपलब्धि” बता रहे हैं, जिससे वैश्विक चिकित्सा जगत में भारत की साख और मजबूत होगी।
IIT Roorkee & UiT Tromsø researchers led by Prof. Ranjana Pathania develop Compound 3b, a β-lactamase inhibitor that restores Meropenem’s effectiveness against KPC-2 superbug Klebsiella pneumoniae. Published in J. Med. Chem.#IITRoorkee #DrugDiscovery #AMR pic.twitter.com/ifwujj8pEA
— IIT Roorkee (@iitroorkee) August 11, 2025