5 अगस्त, 2019 को जमीन खरीदने का रास्ता हुआ था साफ
जम्मू-कश्मीर में जमकर हो रहा है निवेश
मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 1,559 भारतीय कंपनियों ने इस केंद्रशासित प्रदेश में निवेश किया है जिनमें कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां (Multinational Companies) भी शामिल हैं। हालांकि, लद्दाख प्रदेश में कोई भी भारतीय या बहुराष्ट्रीय कंपनी ने लद्दाख में अब तक निवेश नहीं किया है।
आर्टिकल 35ए था जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने में बाधा
ध्यान रहे कि आर्टिकल 35ए के तहत जम्मू-कश्मीर का स्थायी नागरिक ही वहां जमीनें खरीद सकता था। इस अनुच्छेद में जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने की शर्त यही थी कि जम्मू-कश्मीर से बाहर का कोई भारतीय नागरिक भी वहां जमीन नहीं खरीद सकता है। अनुच्छेद 35ए यह भी कहता है कि 14 मई, 1954 को जो लोग जम्मू-कश्मीर में बस गए थे, उन्हें वहां का स्थायी निवासी माना जाएगा। यह अनुच्छेद न केवल बाहरियों को जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीदने से रोकता था बल्कि वहां सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से भी रोकता था। इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर से बाहर के निवासी वहां के सरकारी कॉलेजों में दाखिला भी नहीं ले सकते थे, सरकारी मदद के हकदार नहीं हो सकते थे और ना ही सरकारी वजीफा ही हासिल कर सकते थे।