नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। देशभर के उपभोक्ताओं और व्यवसायियों की निगाहें अब 3 और 4 सितंबर को होने वाली GST काउंसिल की 56वीं बैठक पर टिकी हैं। इस बैठक में कर ढांचे में बड़े बदलाव पर चर्चा होने की उम्मीद है, खासकर 12% और 28% के टैक्स स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव प्रमुखता से शामिल हो सकता है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो भारत की GST व्यवस्था में एक बड़ा सुधारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
बैठक का एजेंडा और प्रमुख बिंदु
GST काउंसिल की इस दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी, जिसमें सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। बैठक के प्रमुख एजेंडे में कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं, जिनमें टैक्स स्लैब में सुधार, इंश्योरेंस सेक्टर पर जीएसटी में बदलाव, और छोटे व्यवसायियों के लिए अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाना शामिल है।
बैठक में 12% और 28% स्लैब को हटाकर केवल 5% और 18% स्लैब लागू करने पर विचार किया जा सकता है। साथ ही, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर 18% की जगह 0% जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव भी चर्चा में शामिल हो सकता है। लक्जरी और हानिकारक वस्तुओं जैसे तंबाकू और शराब पर 40% का ‘सिन टैक्स’ लगाने का विचार भी प्रस्तावित है।
किन चीजों पर मिलेगी राहत?
अगर प्रस्ताव मंजूर होता है, तो निम्नलिखित वस्तुएं सस्ती होंगी:
5% स्लैब में शामिल वस्तुओं में प्रोसेस्ड फूड, मोबाइल फोन, सिलाई मशीन, वैक्यूम क्लीनर, साबुन, टूथपेस्ट, स्नैक्स, और फ्रोजन सब्जियां शामिल हैं। 18% स्लैब में शामिल वस्तुओं में टीवी, फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन, सीमेंट, और ब्यूटी प्रोडक्ट्स आते हैं। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी हटने से प्रीमियम 18% तक सस्ता हो सकता है।
राजनीतिक और आर्थिक संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से की गई अपनी घोषणा में कहा था कि दिवाली तक जीएसटी सुधार लागू कर दिए जाएंगे, जिससे आम लोगों को रोजमर्रा की चीजों पर राहत मिलेगी। इसके पीछे सरकार का मकसद महंगाई को नियंत्रित करना और आर्थिक विकास को गति देना है। हालांकि, कुछ राज्यों ने राजस्व हानि को लेकर चिंता जताई है, जिस पर बैठक में चर्चा होगी।
आगे की राह
बैठक के बाद जीएसटी काउंसिल के फैसले को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मंजूरी देनी होगी, जिसके बाद इसे अक्टूबर 2025 तक लागू किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और छोटे व्यवसायों को फायदा होगा।
निष्कर्ष
यह जीएसटी व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव साबित हो सकता है, जिससे ‘एक देश, एक टैक्स’ की अवधारणा और मजबूत होगी। आम जनता और व्यवसायियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा, लेकिन इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय जरूरी है।
The 56th Meeting of the GST Council will be held on 03rd & 04th September, 2025 at New Delhi
— GST Council (@GST_Council) August 23, 2025