नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत और फिजी के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका की भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच सहयोग के नए द्वार खोले। इस यात्रा के दौरान 17 महत्वपूर्ण समझौतों और घोषणाओं पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौते स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, साइबर सुरक्षा, कौशल विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित कई अहम क्षेत्रों में होंगे।
यह द्विपक्षीय बैठक सिर्फ औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत थी, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता, आर्थिक विकास और मानवीय सहयोग को मजबूत करना है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल
फिजी की राजधानी सुवा में 100-बेड वाला सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल स्थापित करने की योजना इस यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। यह अस्पताल आधुनिक तकनीक से लैस होगा और फिजी के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा।
इसके अलावा, भारत ने जन औषधि योजना के तहत सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं फिजी को उपलब्ध कराने का वादा किया। इस उद्देश्य के लिए एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड और फिजी के स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच समझौता हुआ।
साथ ही भारत की ओर से फिजी को डायलिसिस यूनिट्स, सी एम्बुलेंस और टेलीमेडिसिन सेवाओं के विस्तार में तकनीकी सहयोग का भी ऐलान किया गया।
कृषि और तकनीकी सहयोग
कृषि क्षेत्र में फिजी को सशक्त बनाने के लिए भारत ने कई योजनाओं की घोषणा की:
12 एग्री-ड्रोन फिजी को उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनका उपयोग फसल निगरानी और सिंचाई प्रणाली को बेहतर बनाने में होगा।
मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता जांच और फसल उत्पादन में सुधार होगा।
फिजी विकास बैंक और नाबार्ड के बीच साझेदारी समझौता हुआ, जो कृषि वित्तपोषण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देगा।
शिक्षा, कौशल और डिजिटल क्षेत्र में सहयोग
भारत और फिजी ने शिक्षा और डिजिटल कौशल के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी पर बल दिया।
नाइलिट (भारत) और पैसिफिक पॉलीटेक (फिजी) के बीच डिजिटल स्किल्स डेवलपमेंट एमओयू साइन हुआ।
भारत फिजी को ई-लाइब्रेरी और ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा।
हिंदी और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए फिजी में भारतीय शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी।
सांस्कृतिक जुड़ाव और भारतीय डायस्पोरा की अहमियत
फिजी में भारतीय मूल के लोग देश की आबादी का बड़ा हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने फिजी के ‘गिरमिट डे’ की घोषणा का स्वागत किया और इसे भारत और फिजी के साझा इतिहास का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा:
“हमारा जुड़ाव सिर्फ समुद्री सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत में गहराई से जुड़ा हुआ है।”
रक्षा और समुद्री सुरक्षा में नई रणनीति
भारत और फिजी ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है।
फिजी की सेना को एंबुलेंस उपहार में दी जाएगी।
रक्षा अटैची के पद को मंजूरी दी गई है, जिससे दोनों देशों के बीच सुरक्षा और रणनीतिक संवाद को मजबूती मिलेगी।
समुद्री सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया।
साइबर सुरक्षा और टेक्नोलॉजी साझेदारी
डिजिटल युग की चुनौतियों को देखते हुए भारत फिजी में साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ (CSTC) स्थापित करेगा। यह प्रकोष्ठ साइबर अपराध, डेटा सुरक्षा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती में अहम भूमिका निभाएगा।
जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा पर सहयोग
फिजी एक छोटा द्वीपीय राष्ट्र है और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव यहां सबसे ज्यादा महसूस किया जाता है। भारत और फिजी ने सौर ऊर्जा, आपदा प्रबंधन और ग्रीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक महत्व
फिजी प्रशांत महासागर में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है। भारत के लिए यह साझेदारी एक व्यापक इंडो-पैसिफिक रणनीति का हिस्सा है, जो क्षेत्र में आर्थिक और सुरक्षा स्थिरता सुनिश्चित करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“भारत और फिजी भले ही भौगोलिक रूप से दूर हों, लेकिन हमारे सपने और लक्ष्य एक समान हैं। हमारी साझेदारी महासागरों को जोड़ने वाला एक पुल है।”
इस दौरे की मुख्य घोषणाएं और सौगातें:
✔ सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना
✔ जन औषधि योजना के तहत दवा आपूर्ति
✔ डायलिसिस यूनिट्स और सी एम्बुलेंस उपलब्ध कराना
✔ कृषि ड्रोन और मोबाइल मृदा प्रयोगशालाएं
✔ साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ
✔ हिंदी और संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति
✔ रक्षा सहयोग और समुद्री सुरक्षा समझौते
✔ फिजी विकास बैंक और नाबार्ड समझौता
2014 में, 33 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने फिजी की धरती पर कदम रखा था।
मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि ये सौभाग्य मुझे मिला था।
उस समय हमने Forum for India-Pacific Islands Cooperation, यानि FIPIC की शुरुआत की थी।
उस पहल ने न केवल भारत–फिजी रिश्तों को, बल्कि पूरे पैसिफिक…
— PMO India (@PMOIndia) August 25, 2025