Farmers Protest: मंत्रियों संग किसानों के बीच पहुंचे केजरीवाल, बोले- CM नहीं.. मैं आपका सेवादार
New Delhi: केंद्र सरकार (Central Govt) के कृषि का कानून (Farms Law) के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) 12 दिन से जारी है।
किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरने (Farmers Protest) पर बैठे हैं और सरकार से कृषि कानून (Farms Law) को खत्म करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) आज हरियाणा-दिल्ली सीमा पर स्थित सिंधु बॉर्डर पर अपनी पूरी कैबिनेट के साथ किसानों से मिलने पहुंचे।
केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के साथ डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया भी किसानों को आश्वासन देते दिखे। केजरीवाल ने किसानों से मुलाकात कर वहां की सुविधाओं का जायजा लिया और किसानों से कहा कि उनकी सरकार किसानों की सेवादार है।
We support all demands of farmers. Their issue & demands are valid. My party & I have stood with them from the very beginning. At the beginning of their protests, Delhi Police had sought permission to convert 9 stadiums into jails. I was pressurised but didn't permit: Delhi CM https://t.co/qiZsXx0S2v pic.twitter.com/AQmGNeFZxz
— ANI (@ANI) December 7, 2020
हम आपके सेवादार- केजरीवाल
केजरीवाल ने किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों की सेवादार है। उन्होंने कहा, ‘किसानों का मुद्दा और उनकी मांग जायज है। मैं और मेरी पार्टी उनके साथ खड़े हैं। किसानों का आंदोलन शुरू होने के वक्त दिल्ली पुलिस ने हमसे 9 स्टेडियम को जेल में बदलने की इजाजत मांगी थी। मेरे ऊपर दबाव बनाया था लेकिन मैंने अनुमति नहीं दी।’
केजरीवाल सुविधाओं का लिया जायजा
सिंधु बॉर्डर (Sindhu Border) पर प्रदर्शन कर रहे किसान धरने पर बैठे हैं। केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) ने किसानों के 8 दिसंबर के भारत बंद को समर्थन भी दिया है। केजरीवाल के साथ दिल्ली सरकार के मंत्री भी हैं। वे सिंधु बॉर्डर पर किसानों के लिए किए गए सुविधाओं का जायजा ले रहे हैं।
पांचवें दौर की बातचीत बनेतीजा रही
सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।
किसान नेता बलदेव सिंह यादव ने कहा, ‘यह आंदोलन केवल पंजाब के किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है। हम अपने आंदोलन को मजबूत करने जा रहे हैं और यह पहले ही पूरे देश में फैल चुका है।’ उन्होंने सभी से बंद को शांतिपूर्ण बनाना सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा, ‘चूंकि सरकार हमारे साथ ठीक से व्यवहार नहीं कर रही थी, इसलिए हमने भारत बंद का आह्वान किया।’
इन पार्टियों ने किया है भारत बंद का समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन तथा गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर किसान संगठनों द्वारा बुलाये गये ‘भारत बंद’ का समर्थन किया और केंद्र पर प्रदर्शनकारियों की वैध मांगों को मानने के लिये दबाव बनाया।
RSS से जुड़े किसान संघ ने बंद से बनाई दूरी
आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने इससे दूरी बना ली है। भारतीय किसान संघ ने कहा है कि जब दोनों पक्ष 9 दिसंबर को फिर से वार्ता करने के लिए सहमत हुए हैं तो फिर 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा उचित नहीं है।
भारतीय किसान संघ ने अपने बयान में कहा है कि अभी तक किसान आंदोलन अनुशासित चला है, मगर ताजा घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि विदेशी ताकतें, राष्ट्रद्रोही तत्व और कुछ राजनीतिक दलों का प्रयास किसान आंदोलन को अराजकता की ओर मोड़ देने में प्रयासरत है।