नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। डिजिटल इंडिया के तहत डाक विभाग भी तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। सरकार ने घोषणा की है कि 4 अगस्त 2025 तक भारत के सभी 1,65,000 डाकघर पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगे। यह सूचना आईटी 2.0 फ्रेमवर्क के अंतर्गत डाक विभाग द्वारा जारी की गई एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।
✅ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि भारतीय डाक को सिर्फ एक परंपरागत सेवा प्रदाता नहीं, बल्कि एक अत्याधुनिक, तकनीक-सक्षम लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित किया जाए। इसके तहत वर्तमान में 86,000 से अधिक डाकघर पहले ही डिजिटल हो चुके हैं और शेष नेटवर्क को अगले कुछ दिनों में पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
📦 IT 2.0 फ्रेमवर्क के तहत क्या-क्या बदलेगा?
भारतीय डाक के आईटी 2.0 फ्रेमवर्क के तहत निम्नलिखित सुविधाएं लागू की जा रही हैं:
रियल-टाइम ट्रैक और ट्रेस क्षमता
बड़े ग्राहकों के लिए कस्टमाइज्ड सेवाएं
इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी प्रमाण
ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण
डिजिटल भुगतान प्रणाली
ओपन एपीआई इंटीग्रेशन
इन सुविधाओं के माध्यम से सेवा की गुणवत्ता और पारदर्शिता में भारी सुधार होगा।
पहले ही मिल चुका है देश को पहला 3D प्रिंटेड डाकघर
इससे पहले अगस्त 2023 में, बेंगलुरु में भारत के पहले 3D प्रिंटेड डाकघर का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया था। यह भवन मात्र 43 दिनों में बना और यह देश में तकनीकी नवाचार व डिजिटल बुनियादी ढांचे की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बना। यह परियोजना L&T और IIT मद्रास के सहयोग से पूरी हुई थी और इसका उद्देश्य डाक सेवाओं को तेज़, पर्यावरण-अनुकूल और डिजिटल बनाना है।
🛻 डिलीवरी सेवाओं का कायाकल्प
पहले चरण में देशभर में 344 डिलीवरी सेंटर स्थापित किए गए हैं। ये सेंटर निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करेंगे:
रविवार और छुट्टियों में डिलीवरी
सुबह और शाम की दोहरी डिलीवरी शिफ्ट
केंद्रीकृत वितरण प्रणाली
यह व्यवस्था मेल और पार्सल वितरण को और तेज और भरोसेमंद बनाएगी।
🛒 डिजिटल कॉमर्स नेटवर्क से जुड़ाव
भारतीय डाक ने प्रमुख डिजिटल कॉमर्स नेटवर्क जैसे ONDC और GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) के साथ इंटीग्रेशन शुरू कर दिया है।
ONDC के माध्यम से वॉलेट-बेस्ड प्रीपेड बुकिंग, केंद्रीकृत ट्रैकिंग और लेखा प्रणाली का ऑटोमैटिक मिलान संभव होगा।
GeM के साथ, कोड भुगतान, मूल्य निर्धारण और ट्रैकिंग के लिए एपीआई-आधारित सेवाएं उपलब्ध होंगी।
👨💼 संचार राज्य मंत्री का बयान
केंद्रीय संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने इस परिवर्तन की समीक्षा करते हुए कहा:
“भारतीय डाक को अब पूरी तरह आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करना हमारी प्राथमिकता है। इन सुधारों से डाक सेवाओं की साख और कार्यक्षमता दोनों में वृद्धि होगी।”
उन्होंने बताया कि भारतीय डाक की भौतिक पहुंच अब डिजिटल क्षमताओं के साथ संयुक्त होकर एक वैश्विक स्तरीय लॉजिस्टिक्स सेवा का उदाहरण बनेगा।
📊 डेटा एनालिटिक्स के साथ लॉजिस्टिक्स में क्रांति
डाक विभाग ने एक विशेष डेटा एनालिटिक्स टीम बनाई है जो आईटी 2.0 के तहत:
रूट ऑप्टिमाइजेशन
स्मार्ट सॉर्टिंग
मांग पूर्वानुमान
जैसे आधुनिक तकनीकी उपायों का उपयोग कर रही है।
इससे डाक विभाग डेटा-संचालित राजस्व सृजन में भी आत्मनिर्भर बन रहा है।
📌 निष्कर्ष:
डिजिटल इंडिया की सोच अब डाक सेवाओं की रीढ़ तक पहुँच चुकी है। भारत सरकार का यह कदम न केवल सेवा में पारदर्शिता लाएगा बल्कि भारतीय डाक को आधुनिक भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के एक मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित करेगा।