भोपाल, (अकबर खान)। साइबर अपराधों पर रोक लगाने के उद्देश्य से भोपाल पुलिस अब कालेज छात्रों के साथ मिलकर लोगों के करीब पहुंचने की तैयारी कर रही है। पुलिस छात्रों को इंटर्नशिप के माध्यम से जोड़कर साइबर अपराध और उससे बचाव के तौर-तरीकों की जानकारी देगी। उसके बाद रिहायशी इलाकों में उनको भेजकर लोगों से छात्रों के माध्यम से जुड़ेगी। इसके बदले में छात्रों को पुलिस की ओर से प्रमाण पत्र और उनके खुद के कालेज की ओर से क्रेडिट प्वाइंट दिए जाएगे, जो उनके अकादमिक परिणाम में जोड़े जाएगे। शुरूआत में सौ छात्रों को इसमें शामिल किया जा रहा है।
“पुलिस इंटर्नशिप योजना” के अंतर्गत भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउसकर द्वारा राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्टूडेंट इंटर्नशिप की दो योजनाओं को लांच किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में कमिश्नर पुलिस भोपाल मकरंद देउसकर तथा उनके साथ वाइस चांसलर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी विजय कुमार, डायरेक्टर युआईटी आरजीपीव्ही डॉ. एस.एस. भदौरिया भी उपस्थित रहे। पुलिस की ओर से डीसीपी हेडक्र्वाटर विनीत कपूर, डीसीपी क्राईम अमित कुमार तथा डीसीपी जोन-4 विजय खत्री भी मौजूद रहे। विश्व विद्यालय के समस्त वरिष्ठ प्राध्यापक गण भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम पुलिस इंटर्नशिप प्रोग्राम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई तथा इसके अंतर्गत जो दो प्रमुख स्कीम लागू की जा रही है उसके बारे में बताया गया।
इस मौके पर भोपाल पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने कहा कि ओरिएंटेशन आफ स्टूडेंट इंटर्नशिप योजना के तहत छात्रों को इंटर्नशिप कराई जा रही है। इसमें आरजीपीवी, बीएसएस कालेज के साथ बात की गई है। छात्रों को ई-वालेंटियर बनाकर साइबर अपराध के प्रति जागरूक करने के लिए कालोनी, माल, बाजार और शासकीय कार्यालयों में भेजा जाएगा। इन छात्रों को पुलिस की ओर से प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।
स्कीम नंबर 1 साइबर क्राइम जागरूकता अभियान है, जिसके अंतर्गत साइबर क्राइम जागरूकता तथा क्षमता विकास, जिसमें इंजीनियरिंग व अन्य छात्र साईबर क्राईम के बारे में मूलभूत जानकारी प्राप्त करेंगे तथा इसके साथ ही वह की ई-वालेंटियर बनकर ई-सामुदायिक पुलिसिंग करेंगे, जिसके अंतर्गत साइबर क्राइम से ग्रसित लोगों को साइबर क्राईम के बारे में जन-जागरूकता फैलायेंगे एवं विभिन्न रिहायशी इलाकों, कार्यालय, शाॅपिंग माॅल में जाकर सायबर जागरूकता शिविर आयोजित करेंगे, जिसमें पुलिस उनका सहयोग करेगी। संपर्क में रहेंगे तथा इसके उपरांत ई-सायबर वालेंटियर के रूप में संपर्क में रहेंगें और कहीं पर कोई साइबर क्राईम होता है उसकी सूचना पुलिस को देंगे तथा पीड़ित लोगों को भी पुलिस से जोड़ने में मदद करेंगे। इस प्रकार एक अच्छे नागरिक बनने के गुण विकसित करके यह छात्र आरजीपीवी के इंटर्न कहलाएंगे तथा यही इनकी इंटर्नशिप भी होगी और साथ-साथ सामाजिक जागरूकता अभियान में तथा सामुदायिक पुलिसिंग अभियान में भी अपना योगदान देंगे। इसके अंतर्गत वाइस चांसलर श्री सुनिल कुमार ने बताया कि वे इस योजना को क्रेडिट प्वाइंट्स भी देंगे, ताकि जो छात्र इस योजना से जुड़ेंगे उनको अकादमिक परिणाम के अंतर्गत इसको समावेशित किया जाएगा। यह नवीन शिक्षा नीति के अंतर्गत विकरणीय है। इस प्रकार यह कार्यक्रम प्रभावी रूप से शामिल हो पाएगा।
इसके अंतर्गत स्कीम नंबर 2 में महिला तथा बाल सुरक्षा का अभियान जोड़ा गया है जिसके अंतर्गत पीड़ित महिला एवं बालकों को कानून के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए समुदाय में विभिन्न रिहायशी इलाकों में तथा जनसंवाद करके यह छात्र महिला सुरक्षा तथा बाल सुरक्षा के संबंध में जागरूकता फैलांयेगे तथा इसके उपरांत जो उर्जा महिला डेस्क एवं अन्य महिला एवं बाल सुरक्षा के जो अभियान चल रहे है उसका गहन अध्ययन व शोध भी करेंगे। जो वरिष्ठ छात्र है, पोस्ट ग्रेजूएट है, जो रिसर्च में है, पीएचडी कर रहें है, उन्हें विस्तृत रिसर्च प्रोजेक्ट भी प्रदान किए जाएंगे, जो पुलिस की विभिन्न कार्य प्रणालियों को समझ के उसका डाटा विश्लेषण करेंगे तथा डाटा विश्लेषण करने के बाद पाॅलिसी एनालिसिस करने में भी सहयोग प्रदान करेंगे। इस प्रकार यह योजना आज लागू की गई और इन्हे प्रभावी रूप से संपादित किया जाएगा। यही इस कार्यक्रम का मुख्य उददेश्य है।