नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस परियोजना Bharatgen AI ‘भारतजेन’ (BharatGPT-inspired model) जल्द ही सभी 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं में संवाद करने में सक्षम होगी। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि यह परियोजना जून 2026 तक सभी अनुसूचित भाषाओं को सपोर्ट करेगी, जिससे देश की बहुभाषी जनसंख्या को डिजिटल समावेश की दिशा में एक नई पहचान मिलेगी।
🇮🇳 भारतजेन क्या है?
भारतजेन एक राष्ट्रीय एआई प्लेटफॉर्म है जिसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन (NM-ICPS) के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य एक समप्रभु, बहुभाषी, नैतिक और समावेशी एआई मॉडल विकसित करना है जो भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के अनुकूल हो।
यह प्लेटफ़ॉर्म विशेष रूप से टेक्स्ट, स्पीच और विज़न-लैंग्वेज सिस्टम के क्षेत्र में काम करेगा और इसके उपयोग से शासन, कृषि, रक्षा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में एआई आधारित समाधान विकसित किए जा रहे हैं।
📈 अब तक की प्रगति
डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में जानकारी दी कि भारतजेन फिलहाल 9 भारतीय भाषाओं में कार्य कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:
हिंदी
मराठी
तमिल
मलयालम
बंगाली
पंजाबी
गुजराती
तेलुगु
कन्नड़
उन्होंने यह भी बताया कि दिसंबर 2025 तक यह संख्या 15 हो जाएगी, जिसमें शामिल होंगी:
असमिया
मैथिली
नेपाली
उड़िया
संस्कृत
सिंधी
और अन्य भाषाएं
🌍 क्यों ज़रूरी है भारतजेन?
भारत में तकनीकी प्रगति के बावजूद डिजिटल भाषा खाई (Digital Language Divide) एक बड़ी चुनौती रही है। अधिकांश एआई और डिजिटल सेवाएं केवल अंग्रेज़ी या कुछ गिनी-चुनी भाषाओं तक ही सीमित हैं। भारतजेन का उद्देश्य इस खाई को पाटते हुए ग्रामीण और अर्ध-शहरी आबादी को उनकी मातृभाषा में सेवाएं देना है।
🧠 कौन कर रहा है नेतृत्व?
इस परियोजना का नेतृत्व आईआईटी बॉम्बे के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब द्वारा किया जा रहा है। यह संस्थान:
मॉडल डेवलपमेंट
शैक्षणिक साझेदारी
डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर
रणनीतिक योजना
की निगरानी कर रहा है। भविष्य में भारत सरकार कर्नाटक के अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर इस परियोजना के विस्तार की संभावनाएं भी तलाश रही है।
🔬 कहां होगा इसका उपयोग?
भारतजेन के तहत बनाए गए मॉडल्स को विभिन्न सरकारी एवं सामाजिक क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाएगा, जैसे:
कृषि में फसल सलाह
ई-गवर्नेंस में दस्तावेज़ स्वचालन
ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्पडेस्क
भाषाई अनुवाद सेवाएं
जलवायु परिवर्तन संबंधित सुझाव
📡 वर्तमान स्थिति
डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि भारतजेन फिलहाल पायलट चरण में है और आम जनता के लिए यह उपलब्ध नहीं है। लेकिन जैसे ही यह पूरी तरह से परिनियोजित होगा, इसे देश के सभी राज्यों और ज़िलों में लागू किया जाएगा। इससे खासकर ग्राम और कस्बों के लोग, जिनकी तकनीकी पहुंच सीमित है, उन्हें बहुत बड़ा लाभ मिलेगा।
🧭 नैतिकता और भारतीयता पर आधारित एआई
प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप भारतजेन केवल एक तकनीकी परियोजना नहीं है, बल्कि एक मूल्य आधारित मिशन है। इसका उद्देश्य है:
नैतिक एआई विकास
समावेशी भाषा समर्थन
भारतीय संस्कृति और मूल्यों से जुड़ाव
डेटा संप्रभुता का संरक्षण
डॉ. सिंह ने जून 2025 में आयोजित भारतजेन समिट के दौरान कहा था कि यह एआई मिशन भारत के लोकतांत्रिक और सामाजिक ढांचे को मजबूत करेगा।