नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए फिर से यमुना का जलस्तर खतरे की घंटी बनकर उभरा है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलधार बारिश और यमुनानगर स्थित हथिनी कुंड बैराज से लगातार बढ़ती जल निकासी के कारण यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर चला गया है।
📈 जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर
बृहस्पतिवार सुबह 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर लोहे के पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज) के पास 204.79 मीटर दर्ज किया गया, जबकि चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है। इसका सीधा मतलब है कि यदि जलस्तर में इसी प्रकार वृद्धि होती रही, तो कई निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराने लगेगा।
💧 हथिनी कुंड बैराज से तेजी से छोड़ा जा रहा है पानी
हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा में तेजी से वृद्धि हो रही है:
बुधवार सुबह 4 बजे: 56,491 क्यूसेक
सुबह 6 बजे: 61,729 क्यूसेक
इससे पहले औसतन: 20,000 क्यूसेक प्रति घंटा
इस तरह अचानक आई जलवृद्धि ने यमुना के जलस्तर को चेतावनी स्तर के पार पहुंचा दिया।
🏞️ पहाड़ों पर बारिश बनी कारण
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बारिश हो रही है। पहाड़ों में तेज बारिश के कारण नदी-नालों में जलभराव बढ़ रहा है और वह सारा पानी यमुना में जाकर मिल रहा है। इससे नदी का बहाव अधिक तीव्र हो गया है और दिल्ली में जलस्तर नियंत्रण में रहना चुनौती बनता जा रहा है।
🛑 दिल्ली में सतर्कता के पुख्ता इंतज़ाम
दिल्ली सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए कई एहतियाती कदम उठाए हैं:
24 घंटे क्रियाशील मुख्य नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है जो यमुना के जलस्तर और निचले इलाकों में पानी की निगरानी करता है।
इसके अलावा 15 अन्य निगरानी केंद्र भी बनाए गए हैं जो नदियों के किनारे और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी रखते हैं।
आपदा प्रबंधन दल (DDMA), जल बोर्ड, नागरिक एजेंसियाँ और एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट पर हैं।
📍 किसे है सबसे ज्यादा खतरा?
दिल्ली के जिन निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका सबसे ज्यादा है, वे हैं:
यमुना बाजार
मजनूं का टीला
कश्मीरी गेट के आसपास के क्षेत्र
आईटीओ के नीचेवाले इलाके
ओखला बैराज और कालिंदी कुंज क्षेत्र
प्रशासन ने स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और नदी के नजदीक न जाने की सलाह दी है।
🚨 स्थिति गंभीर हुई तो क्या होगा?
यदि जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया, तो दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जैसा कि जुलाई 2023 में देखा गया था। प्रशासन राहत शिविरों, मेडिकल सहायता और नावों की व्यवस्था को तैयार रखे हुए है।