नोएडा, (वेब वार्ता): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए, केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नोएडा के सेक्टर-68 में एक अत्याधुनिक टेम्पर्ड ग्लास मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का उद्घाटन किया। यह यूनिट भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
इस नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के शुरू होने से भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण को नई गति मिलने की उम्मीद है। उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा,
“2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया की शुरुआत की थी, तब भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन और निर्यात बेहद सीमित था। आज स्थिति यह है कि प्रोडक्शन 6 गुना और निर्यात 8 गुना बढ़ चुका है।”
यह यूनिट भारत की आयात निर्भरता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। अब तक टेम्पर्ड ग्लास का आयात करना पड़ता था, लेकिन इस यूनिट के माध्यम से सालाना ढाई करोड़ टेम्पर्ड ग्लास का उत्पादन संभव होगा। यह ग्लास स्मार्टफोन, लैपटॉप, राउटर, हार्डवेयर, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
अश्विनी वैष्णव ने जोर देकर कहा कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
“भारत में विकसित इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है।”
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र ने अब तक 25 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया है, जिसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोजगार शामिल हैं। नोएडा जैसे औद्योगिक केंद्रों में इस तरह की यूनिट्स का शुभारंभ न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के औद्योगिक विकास को गति देगा।
अर्थव्यवस्था और रोजगार को मजबूती
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भारत को आयात पर निर्भरता से मुक्त करेंगी और अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेंगी। नोएडा में इस यूनिट के शुरू होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उत्तर प्रदेश को औद्योगिक हब के रूप में और सशक्त किया जाएगा।
यूनिट की विशेषताएं
उत्पादन क्षमता: प्रति वर्ष ढाई करोड़ टेम्पर्ड ग्लास का उत्पादन।
उपयोग: स्मार्टफोन, लैपटॉप, राउटर, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में।
आर्थिक प्रभाव: आयात पर निर्भरता में कमी और निर्यात में वृद्धि।
रोजगार सृजन: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों के लिए रोजगार।
नोएडा: भारत का उभरता औद्योगिक केंद्र
नोएडा, जो पहले से ही एक प्रमुख औद्योगिक और तकनीकी केंद्र के रूप में जाना जाता है, इस नई यूनिट के साथ अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा। यह कदम न केवल मेक इन इंडिया अभियान को बल देगा, बल्कि भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।