नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि राजधानी का आगामी मानसून सत्र 4 से 8 अगस्त 2025 तक चलेगा और यह सत्र पूरी तरह पेपरलेस (कागजरहित) और डिजिटल माध्यम से संचालित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक बदलाव के तहत ई-विधान प्रणाली, ई-फाइलिंग और ई-साइन जैसी तकनीकों को सक्रिय रूप से लागू किया गया है।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दिशा में तेजी से काम किया गया है, और केंद्र सरकार के आर्थिक सहयोग के चलते दिल्ली विधानसभा को इस नई व्यवस्था में रूपांतरित किया गया है।
📜 शिक्षा पारदर्शिता पर नया बिल पेश होगा
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस मानसून सत्र में एक महत्वपूर्ण विधेयक –
“दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस-2025” – को सदन में चर्चा के लिए लाया जाएगा। यह बिल निजी स्कूलों में फीस निर्धारण और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
💡 सौर ऊर्जा से संचालित होगी दिल्ली विधानसभा
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिल्ली विधानसभा परिसर में 500 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह संयंत्र विधानसभा भवन की अधिकांश ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
इस संयंत्र और ई-विधान प्रणाली का उद्घाटन 3 अगस्त को केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा किया जाएगा। यह कदम दिल्ली को हरित ऊर्जा (Green Energy) की दिशा में अग्रसर करने का प्रमाण है।
🖥️ ई-गवर्नेंस को नई रफ्तार
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सचिवालय में अब अधिकांश कार्य डिजिटल फाइलिंग, ई-साइन, और ऑनलाइन प्रशासनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से किए जा रहे हैं। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता, कार्य की गति और जवाबदेही में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
🌱 हरित और डिजिटल दिल्ली की दिशा में ठोस कदम
मुख्यमंत्री ने कहा,
“दिल्ली तेजी से डिजिटल और हरित विकास की दिशा में अग्रसर है। चाहे प्रशासनिक पारदर्शिता हो या सतत ऊर्जा उपयोग – दिल्ली सरकार हर पहलू पर ठोस निर्णय ले रही है।”
✅ मुख्य बिंदु (Quick Highlights):
📆 मानसून सत्र: 4 से 8 अगस्त 2025
🖥️ पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस सत्र
📚 शिक्षा पारदर्शिता और फीस नियंत्रण बिल पेश होगा
🌞 500 किलोवाट का सौर संयंत्र विधानसभा में सक्रिय
🔏 ई-साइन और ई-फाइलिंग से कामकाज में पारदर्शिता
🎉 उद्घाटन: 3 अगस्त, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा