नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली में बढ़ती आवारा पशुओं और कुत्तों के हमलों की घटनाओं को लेकर आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा और भाजपा सांसद व पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने संयुक्त रूप से समाधान के लिए रोडमैप तैयार करने पर चर्चा की।
बैठक में नगर निगम अधिकारियों, पशु कल्याण संगठनों और एनजीओ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्देश्य था— दिल्ली में एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC), रेबीज़ नियंत्रण और सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए ठोस रणनीति तैयार करना।
मेनका गांधी की चिंता और सुझाव
बैठक के दौरान मेनका गांधी ने ABC कार्यक्रम की कमजोरियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अधिकांश नसबंदी केंद्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
नसबंदी के बाद जानवरों की देखभाल और टीकाकरण का फॉलो-अप समय पर नहीं होता, जिससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
उन्होंने कहा— “यह केवल पशु कल्याण का नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य का भी गंभीर मुद्दा है।”
मेनका गांधी ने सुधार के लिए सुझाव दिए—
नसबंदी के बाद सभी कुत्तों की माइक्रोचिपिंग अनिवार्य हो।
फीडिंग ज़ोन निर्धारित किए जाएं, जहां भोजन सुरक्षित तरीके से उपलब्ध कराया जा सके।
अवैध पेट शॉप्स और बिना अनुमति जानवरों की बिक्री पर रोक।
पशु चिकित्सकों और डॉग कैचर्स का विशेष प्रशिक्षण, ताकि मानवीय तरीके से पकड़ने और देखभाल की जा सके।
कपिल मिश्रा का आश्वासन
कपिल मिश्रा ने भरोसा दिलाया कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे को शीर्ष प्राथमिकता पर लेगी।
उन्होंने कहा—
“हम ज़ोनवार ABC केंद्रों की समीक्षा करेंगे, अनुदान बढ़ाएंगे, पारदर्शी डेटा रिपोर्टिंग लाएंगे और डॉग कैचर्स के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेंगे।”
संयुक्त कार्ययोजना और समयसीमा
बैठक में तय हुआ—
नगर निगम और एनजीओ मिलकर संयुक्त कार्ययोजना बनाएंगे।
अगले 6 महीनों में चरणबद्ध सुधार लागू होंगे।
इसमें स्पष्ट समयसीमा, जिम्मेदार विभाग और निगरानी तंत्र तय होगा।
मेनका गांधी और कपिल मिश्रा दोनों ने स्पष्ट किया कि—
“इस पहल का उद्देश्य न केवल इंसानों को कुत्तों के हमलों और बीमारियों से बचाना है, बल्कि जानवरों को भी सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन देना है।”