Friday, August 1, 2025
Homeमहानगरदिल्ली-एनसीआरदिल्ली: महिला एसआई 20 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, विजिलेंस...

दिल्ली: महिला एसआई 20 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, विजिलेंस कर रही जांच

-दिल्ली में महिला एसआई 20 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके से पुलिस महकमे की छवि को धूमिल करने वाली एक गंभीर घटना सामने आई है। विजिलेंस विभाग की टीम ने रविवार को महिला उप निरीक्षक (एसआई) नीतू बिष्ट को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई विजिलेंस की सटीक रणनीति और शिकायतकर्ता के सहयोग से संभव हो सकी।

क्या है मामला?

विजिलेंस विभाग को शिकायत मिली थी कि महिला एसआई नीतू बिष्ट एक पीड़ित व्यक्ति से किसी पुराने केस में उसके पक्ष में कार्रवाई करने की एवज में 20 लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रही है। शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद विजिलेंस विभाग ने जाल बिछाया और रविवार को पश्चिम विहार थाने के पास आरोपी महिला अधिकारी को घेराबंदी कर रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

सूत्रों के अनुसार, रकम की पहली किस्त लेने के दौरान ही टीम ने उसे पकड़ लिया, और उसके पास से रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली गई है।

पकड़े जाने के बाद क्या हुआ?

गिरफ्तारी के तुरंत बाद, नीतू बिष्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। विजिलेंस विभाग अब इस बात की गहन जांच कर रहा है कि:

  • क्या यह महिला अधिकारी किसी भ्रष्टाचार के संगठित नेटवर्क का हिस्सा थी?

  • क्या इस पूरे प्रकरण में कोई अन्य पुलिस अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल था?

  • इससे पहले भी नीतू बिष्ट के खिलाफ ऐसी शिकायतें सामने आई थीं या नहीं?

विजिलेंस विभाग की प्रतिक्रिया

विजिलेंस विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा:

“हमें एक विश्वसनीय सूत्र से शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसे सत्यापित करने के बाद हमने जाल बिछाया। महिला एसआई को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। विभाग की ओर से निष्पक्ष और गहन जांच जारी है। दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

पुलिस विभाग की साख पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर से दिल्ली पुलिस की साख और आंतरिक अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला एसआई जैसे संवेदनशील पद पर कार्यरत अधिकारी का इस तरह घूस लेते पकड़ा जाना आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास को कमजोर करता है।

लोकल थाने में मची हलचल

घटना के बाद पश्चिम विहार थाने में अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। कई वरिष्ठ अधिकारी थाने पहुंचे और संबंधित रिकॉर्ड की जांच शुरू की। वहीं, थाने के अन्य पुलिसकर्मी भी इस गिरफ्तारी से स्तब्ध नजर आए।

क्या बोले पूर्व अधिकारी और कानून विशेषज्ञ?

पूर्व आईपीएस अधिकारी एन.के. सिंह ने कहा:

“भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं होना चाहिए, खासतौर पर कानून व्यवस्था लागू करने वाले विभाग में। विजिलेंस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन इस तरह की घटनाएं पुलिस सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।”

कानूनी विशेषज्ञ राहुल त्रिपाठी ने बताया कि यदि नीतू बिष्ट पर लगे आरोप प्रमाणित होते हैं, तो उन्हें कम से कम 7 वर्ष की सजा और जुर्माना हो सकता है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अब सजा और भी कड़ी की गई है।

भविष्य की दिशा

विजिलेंस विभाग ने संकेत दिया है कि वे इस प्रकरण को एक मॉडल केस के रूप में देख रहे हैं ताकि अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को भी चेतावनी दी जा सके। इस मामले की जांच के बाद अन्य संलिप्त अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

महिला उप निरीक्षक की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली पुलिस के भीतर भी निगरानी और जवाबदेही की आवश्यकता बनी हुई है। विजिलेंस की तत्परता और साहसिक कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश गया है। अब देखना यह है कि आगे जांच में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और क्या इस घटना से विभाग कोई सीख लेता है या नहीं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments