Sunday, October 19, 2025
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दिल्ली में खाने के शौकीनों के लिए शुरू होगी नाइट मार्केट, पूरी रात मिलेगा जायके का स्वाद

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्लीवासियों के लिए एक शानदार खुशखबरी! अब राजधानी के खाने के दीवाने रात के अंधेरे में भी चटपटे स्वाद का आनंद ले सकेंगे। दिल्ली सरकार और एनडीएमसी (NDMC) की एक नई पहल के तहत जल्द ही “नाइट फूड मार्केट” की शुरुआत की जा रही है, जो इंदौर के प्रसिद्ध ’56 दुकान’ मॉडल से प्रेरित होगी।

कहां होगी यह नाइट मार्केट?

इस प्रस्तावित नाइट फूड मार्केट को राष्ट्रीय राजधानी के एनडीएमसी क्षेत्र में विकसित किया जाएगा, और इसके लिए कनॉट प्लेस और लोधी रोड को मुख्य संभावित स्थानों के रूप में चुना गया है। कनॉट प्लेस, जहां पहले से ही कई खाने-पीने की दुकानें और रेस्टोरेंट हैं, वहां इसे और अधिक सुसंगठित और सुरक्षित तरीके से विकसित किया जाएगा।

रात भर मिलेगा स्वाद का मजा

अधिकारियों के अनुसार, यह नाइट मार्केट रात 10 बजे के बाद शुरू होगी और पूरी रात खुले रहने की योजना है। इसमें दिल्ली के कई लोकप्रिय ब्रांड्स और स्ट्रीट फूड वेंडर्स के फूड ट्रक शामिल होंगे। इन ट्रकों में हाइजीनिक और प्रमाणित खाना परोसा जाएगा।

क्या है ’56 दुकान’ मॉडल?

इंदौर की “56 दुकान” देश की सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड लोकेशनों में से एक है, जहां पर पारंपरिक व्यंजन, स्ट्रीट स्नैक्स और स्वच्छ वातावरण में भोजन का संयोजन देखने को मिलता है। इसी तर्ज पर दिल्ली में भी यह नाइट फूड हब विकसित किया जाएगा – जो ‘स्वाद’, ‘स्वच्छता’ और ‘सुरक्षा’ का मेल होगा।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

एनडीएमसी अधिकारियों का मानना है कि यह पहल न केवल रात के समय शहर को जीवंत बनाएगी, बल्कि इससे रोजगार, पर्यटन और राजस्व को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही यह दिल्ली को एक ‘नॉन-स्टॉप सिटी’ के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।

क्या होंगी मुख्य सुविधाएं?

  • सभी फूड ट्रक FSSAI प्रमाणित और हाइजीन मानकों के अनुरूप होंगे

  • सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षा गार्ड, साफ-सफाई और अपशिष्ट प्रबंधन का समुचित प्रबंध

  • परिवारों और पर्यटकों के लिए बैठने की व्यवस्था, लाइव म्यूजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम

  • डिजिटल भुगतान और क्यूआर कोड आधारित ऑर्डरिंग सुविधा

प्रशासन की तैयारी और योजना

NDMC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इस पहल पर काम अगस्त से शुरू होने की संभावना है, और पहले चरण में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कनॉट प्लेस में लागू किया जाएगा। यदि यह सफल होता है, तो इसे दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जाएगा।

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