नई दिल्ली (वेब वार्ता)। दिवाली के पावन पर्व पर पटाखों की गूंज दिल्ली की सड़कों पर हर साल सुनाई देती रही है, भले ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्त प्रतिबंध लगाया हो। 2017 से लागू पटाखा प्रतिबंध के बावजूद, दिल्ली-एनसीआर में उल्लंघन आम हो गया है। इस साल भी सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को “ग्रीन पटाखों” की सीमित अनुमति दी, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह भी पूरी तरह पालन नहीं होगा। 2024 में पूर्ण प्रतिबंध के दौरान भी पटाखों की बिक्री और फोड़ने की घटनाएं दर्ज हुईं, जो प्रदूषण को और बढ़ाती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सख्ती बरती, लेकिन 7 सालों में भी उल्लंघन जारी रहा। 2024 में पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद, अवैध पटाखों की बिक्री और फोड़ने की घटनाएं आम रहीं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: ग्रीन पटाखों की सीमित अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर 2025 को दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और फोड़ने की सीमित अनुमति दी। बिक्री 18 से 20 अक्टूबर तक, और फोड़ना सुबह 6-7 AM और शाम 8-10 PM तक। केवल NEERI-अनुमोदित ग्रीन पटाखे अनुमति, बेरियम युक्त प्रतिबंधित। SC ने कहा, “पूर्ण प्रतिबंध उल्लंघन बढ़ाते हैं, इसलिए संतुलित दृष्टिकोण अपनाया।”
7 सालों में उल्लंघन: प्रतिबंध के बावजूद पटाखों की गूंज
सुप्रीम कोर्ट के 2017 के फैसले से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध है, लेकिन 7 सालों में उल्लंघन आम रहा। 2024 में पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद, अवैध पटाखों की बिक्री और फोड़ना जारी रहा। SC ने कहा कि “पूर्ण प्रतिबंध उल्लंघन बढ़ाते हैं।” 2024 दिवाली पर AQI 500+ पहुंचा, जो पटाखों से 90% PM2.5 वृद्धि कारण था।
2025 में स्थिति: ग्रीन पटाखों की अनुमति, लेकिन चुनौतियां बरकरार
इस साल SC ने ग्रीन पटाखों (NEERI-अनुमोदित) की सीमित बिक्री (18-20 अक्टूबर) और फोड़ने (सुबह 6-7 AM, शाम 8-10 PM) की अनुमति दी। लेकिन बेरियम युक्त पटाखे प्रतिबंधित हैं। दिल्ली सरकार ने भी ग्रीन पटाखों को ही अनुमति दी, लेकिन अवैध पटाखों पर सख्ती का वादा किया।
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उल्लंघन जारी रहेगा।