Friday, August 8, 2025
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यमन नौका हादसा : अदन की खाड़ी में पलटी नाव, 142 प्रवासियों की मौत, केवल 12 को बचाया जा सका

-यमन नौका हादसा

सना (यमन), (वेब वार्ता)। यमन की अदन खाड़ी में एक भयावह मानवीय त्रासदी सामने आई है, जहाँ प्रवासियों से भरी एक नाव समुद्र में पलट गई। इस नाव में कुल 154 प्रवासी सवार थे, जिनमें से केवल 12 लोगों को जीवित बचाया जा सका, जबकि 142 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। यह सभी प्रवासी इथियोपिया के नागरिक बताए जा रहे हैं, जो खाड़ी देशों में बेहतर जीवन और रोज़गार की तलाश में थे।

UN संगठन ने दी पुष्टि

यमन में संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के प्रमुख अब्दुसत्तोर एसोव ने इस घटना की पुष्टि की है। फ्रांस के समाचार चैनल ‘अफ्रीकान्यूज’ के अनुसार, एसोव ने बताया कि अदन की खाड़ी में यह हादसा रविवार को हुआ, जब नाव अनियंत्रित होकर समुद्र में पलट गई। अब तक 68 से अधिक शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें अधिकतर पश्चिमी यमन के खानफा तट पर मिले हैं।

बचाव और खोज अभियान जारी

यमन के अबयान सुरक्षा निदेशालय ने जानकारी दी कि हादसे के बाद बचाव और खोज अभियान चलाया गया, जिसमें नौसेना, तटरक्षक और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद ली गई। लेकिन खराब मौसम, समुद्री लहरों की तीव्रता और संसाधनों की कमी के चलते राहत कार्य प्रभावित हुआ।

सबसे खतरनाक प्रवासी मार्ग

संयुक्त प्रवासन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका के हॉर्न (विशेषकर इथियोपिया, सोमालिया, इरिट्रिया) से प्रवासी हर साल बड़ी संख्या में लाल सागर पार कर यमन के रास्ते खाड़ी देशों की ओर जाते हैं। यह मार्ग न केवल सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि सबसे खतरनाक प्रवासी मार्गों में से एक भी माना जाता है।

2024 में यह दूसरी बड़ी नौका त्रासदी है। इससे पहले मार्च में जिबूती और यमन के बीच समुद्र में चार नावें पलट गई थीं, जिसमें 186 अफ्रीकी प्रवासी लापता हो गए थे। IOM के अनुसार, 2024 में अब तक 550 प्रवासियों की मौत हो चुकी है।

प्रवासन और संघर्ष का द्वंद्व

यमन में वर्षों से जारी गृहयुद्ध ने इस संकट को और गंभीर बना दिया है। देश में राजनीतिक अस्थिरता, हिंसा और मानवीय संकट ने यमन को प्रवासियों के लिए असुरक्षित बना दिया है। बावजूद इसके, रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में अफ्रीकी प्रवासी जान जोखिम में डालकर इस रास्ते को अपनाते हैं।

मानव तस्करी और अवैध यात्रा नेटवर्क

विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की त्रासदियाँ अक्सर मानव तस्करी गिरोहों के कारण होती हैं जो प्रवासियों को बिना सुरक्षा उपायों के समुद्र पार करवाने की कोशिश करते हैं। अधिकतर नावें ओवरलोड होती हैं और समुद्री सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करतीं।

मानवता के लिए एक चेतावनी

यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि मानवता के लिए एक चेतावनी है। गरीबी, बेरोज़गारी और राजनीतिक अस्थिरता से त्रस्त लोग किस हद तक जोखिम उठाते हैं, यह घटना उसकी एक दुखद मिसाल है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रवासन के सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने, युद्धग्रस्त इलाकों में स्थायित्व बहाल करने और तस्करी नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

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