देर अल बलाह, ग़ज़ा, (वेब वार्ता)। — ग़ज़ा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की गतिविधियाँ एक गहरे संकट में आ गई हैं। देर अल बलाह क्षेत्र में WHO के स्टाफ निवास और मुख्य गोदाम पर हुए हमलों के बाद संगठन की राहत एवं स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो गई हैं। WHO ने इन हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि उनके कर्मचारियों, उनके परिवारों, और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य ढांचे को निशाना बनाकर अंतरराष्ट्रीय मानकों की घोर अवहेलना की गई है।
🏚️ तीन बार हुआ स्टाफ निवास पर हमला
WHO के अनुसार, देर अल बलाह में स्थित उनका स्टाफ हाउस तीन बार हमले की चपेट में आया। इस भवन में संगठन के कर्मचारी, उनके परिवार और बच्चे शरण लिए हुए थे। हवाई हमलों के कारण इमारत में आग लग गई और उसे भारी नुकसान पहुंचा।
इस दौरान इज़रायली सैन्य बलों ने परिसर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को जबरन बाहर निकालने पर मजबूर किया, जिन्हें फिर पैदल ही अल-मवासी क्षेत्र की ओर बढ़ना पड़ा – वह भी तब, जब क्षेत्र में संघर्ष जारी था।
⛓️ कर्मचारियों की हिरासत और पूछताछ
पुरुष स्टाफ और उनके परिजनों को मौके पर ही हथकड़ी लगाकर कपड़े उतरवाकर पूछताछ की गई। चार लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें दो WHO स्टाफ और दो परिजन शामिल थे। इनमें से तीन को बाद में रिहा कर दिया गया, लेकिन एक WHO कर्मचारी अब भी हिरासत में है।
🚨 बचाव मिशन में निकाले गए 32 लोग
स्थिति सामान्य होते ही WHO ने एक उच्च जोखिम वाले बचाव मिशन के ज़रिए कुल 32 लोगों (महिलाएं और बच्चे शामिल) को वहां से निकालकर अपने कार्यालय तक पहुँचाया। यह कार्यालय भी अब संघर्ष क्षेत्र के नज़दीक आ चुका है।
🏥 मुख्य गोदाम भी हमले की चपेट में
WHO का मुख्य मेडिकल गोदाम जो देर अल बलाह में स्थित था, उसे भी एक हमले में नुकसान पहुंचा। वहां विस्फोट और आग लगने से दवाओं और चिकित्सा उपकरणों का बड़ा भंडार नष्ट हो गया। बाद में स्थानीय भीड़ ने गोदाम को लूट लिया, जिससे यह पूरी तरह निष्क्रिय हो गया है।
⚠️ स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं
WHO का कहना है कि ग़ज़ा में पहले से ही दवाओं, ईंधन और चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी है। अब जबकि मुख्य गोदाम नष्ट हो चुका है और स्टाफ के ठिकाने असुरक्षित हैं, तो अस्पतालों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तक ज़रूरी सहायता पहुँचना लगभग असंभव हो गया है।
📍 सभी स्थानों के निर्देशांक साझा किए गए थे
WHO ने स्पष्ट किया है कि उसके सभी कार्यालयों, गोदामों और स्टाफ हाउसिंग की भौगोलिक जानकारी संबंधित पक्षों को पहले ही दे दी गई थी, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई से बचाया जा सके। बावजूद इसके, इन ठिकानों को निशाना बनाया गया।
🚫 88% ग़ज़ा में कोई सुरक्षित स्थान नहीं बचा
WHO ने बताया कि ग़ज़ा का लगभग 88 प्रतिशत इलाका या तो निकासी आदेश के तहत है या सैन्य कार्रवाई की चपेट में, जिससे आम नागरिकों और मानवीय संगठनों के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं बचा है।
🆘 WHO की अपील:
हिरासत में लिए गए कर्मचारी की तत्काल रिहाई
स्वास्थ्य कर्मियों और स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा
दवाइयों, ईंधन और राहत सामग्रियों का निर्बाध प्रवेश
तत्काल संघर्षविराम (सीज़फायर) की घोषणा
WHO ने अंत में कहा है:
“हम ग़ज़ा में रहेंगे और अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। लेकिन इसके लिए दुनिया को अब तुरंत कार्रवाई करनी होगी।“
“जीवन का अधिकार — और स्वास्थ्य का अधिकार — अब नष्ट होता जा रहा है।“