कराची, (वेब वार्ता)। पाकिस्तान की हालत इतनी बुरी हो चुकी है कि वहां की जब अजीबोगरीब घटनाएं लोगों को सामने आती हैं तो हर कोई हैरान हो जाता है. महंगाई और कर्ज की मार झेल रहे इस देश में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. ना यहां की अर्थव्यवस्था, और ना ही यहां के लोग. वो इसलिए क्योंकि ये लोग अजीबगोरीब एक्सपेरिमेंट कर अपने आप को बेहतर बनाने में लगे हैं. हाल की खबर पाकिस्तानी मर्दों (Pakistani men using lizard to boost stamina) की है जो अपनी मर्दानगी बढ़ाने के लिए छिपकली, बिच्छू और न जाने किस-किस चीज का प्रयोग कर रहे हैं.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में जब से वियाग्रा (Viagra Ban in Pakistan) बंद हुआ है, तब से ही यहां के पुरुष उसका विकल्प एक छिपकली (hardwicke’s spiny-tailed lizard) में तलाश रहे हैं और उसकी चर्बी का प्रयोग कर अपनी मर्दागनी बढ़ा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार यहां बड़ी संख्या में सांडे नाम की छिपकली (Sanda Lizard Pakistan) को मारा जा रहा है और उसकी चर्बी, बिच्छू के तेल और लाल मिर्च को मिलाकर सांडे का तेल बनाया जा रहा है. जिसे आवश्यक जगह पर लगाने से लोगों का दावा है कि वो मर्दानगी हासिल कर सकते हैं. रावलपिंडी के राजा बाजार में ये व्यापार तेजी से चल रहा है और सड़क किनारे बैठे खरीददार इसे लोगों को बेच रहे हैं.
छिपकली की चर्बी को इस्तेमाल कर रहे पाकिस्तानी
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार वो खरीददार के सामने ही छिपकली को चाकू से काटते हैं और अंदर से चर्बी निकालते हैं जिससे खरीददार को ये यकीन हो जाए कि जो तेल उन्हें मिल रहा है, वो शुद्ध है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सांडे के तेल का प्रयोग करने से मर्दाना ताकत बढ़ाने का दावा भ्रम है और विज्ञान ने या डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है. राजा बाजार के ही एक दुकानदार ने एएफपी से बात करते हुए कहा कि अगर इस तेल की सिर्फ 5 बूंद ही लगाई जाए तो ये कमाल करेगी और पुरुष को वियाग्रा जैसी दवाओं की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. ये दुकानदार बड़े-बड़े दावे करते हैं जिसको सुनकर लोग सांडे के तेल को खरीदने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
डॉक्टरों ने बताये मूर्ख बनाने का बिजनेस
दुकानदारों के अनुसार वो इन छिपकलियों को पकड़ते ही सबसे पहले इनकी पीठ की हड्डी तोड़ते हैं क्योंकि ये भागने में बहुत तेज होती हैं. भागने से रोकने के लिए ही ऐसा किया जाता है. ये छिपकली पंजाब और सिंध प्रांतों में सबसे ज्यादा पाई जाती है. इस्लामाबाद के डॉक्टर अहमद शहाब ने एएफपी से बात करते हुए इस बात को साफ किया कि सांडे के तेल का कोई असर नहीं पड़ता है, और ये सिर्फ लोगों का भ्रम है. इसके जरिए बस लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है.