न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के दौरान स्थिति को संभालकर एक संभावित ”परमाणु युद्ध” को टाल दिया था।
ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस में एक त्रिपक्षीय शांति समझौते के हस्ताक्षर समारोह के दौरान दिया, जिसमें अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान भी मौजूद थे।
ट्रंप के दावों का विवरण
ट्रंप ने कहा कि उस संघर्ष के दौरान पांच या छह विमान गिराए गए थे, हालांकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान किस देश के थे—भारत या पाकिस्तान के। उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के बीच पूरी ताकत से लड़ाई चल रही थी, जो किसी भी समय एक बड़े टकराव या परमाणु युद्ध में बदल सकती थी।
ट्रंप ने कहा, “राष्ट्रपति के रूप में मेरी सबसे बड़ी आकांक्षा दुनिया में शांति और स्थिरता लाना है। यह शांति समझौता भारत और पाकिस्तान के साथ हमारी सफलता के बाद संभव हुआ है।”
उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार के माध्यम से उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम किया और विवाद सुलझाया।
भारत की प्रतिक्रिया और तथ्य
भारत का हमेशा से कहना रहा है कि दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई को रोकना उनके द्विपक्षीय संवाद और आपसी समझ का परिणाम था, जिसमें अमेरिका की कोई मध्यस्थता शामिल नहीं थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के दावे राजनीतिक उद्देश्य से दिए गए हैं और वास्तविकता में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में भारत की अपनी भूमिका सबसे अहम रही है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
यह बयान ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रपति ट्रंप विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी भूमिका को लेकर बार-बार जोर दे रहे हैं। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के संदर्भ में उनकी यह टिप्पणी एक बार फिर चर्चा का विषय बनी है।
निष्कर्ष
ट्रंप का यह दावा भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और संघर्ष को लेकर अमेरिकी दृष्टिकोण और राजनीतिक बयानबाजी को दर्शाता है। भारत ने हमेशा अपनी रणनीति और कूटनीति के जरिए क्षेत्रीय शांति बनाए रखने का प्रयास किया है।