काबुल, 06 नवंबर (वेब वार्ता)। पाकिस्तान (Pakistan) अपने देश में रहने वाले लगभग 17 लाख बिना कागजात वाले अफगानियों को भगा रहा है. अब इस मामले में तालिबान (Taliban) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. तालिबान ने अफगान शरणार्थियों के साथ व्यवहार को लेकर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी जारी की है. तालिबान शासित अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से कहा है कि वह देश छोड़ने वाले अफगानों के प्रति ‘क्रूर’ ना हो.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार यह बयान पाकिस्तान द्वारा सभी गैर-दस्तावेज शरणार्थियों को देश छोड़ने के लिए कहने के बाद आया है, जिनमें लगभग 17 लाख अफगानी भी शामिल हैं. पाकिस्तान के इस फैसले के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पहुंच गया है और अफगानिस्तान ने इसे ‘अस्वीकार्य’ बताया है.
टोलो न्यूज ने कार्यवाहक उप रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद के हवाले से कहा ‘पाकिस्तान में शासन को अफगानों के प्रति क्रूर नहीं होना चाहिए, उनकी निजी संपत्तियों को जब्त नहीं करना चाहिए.’ तालिबान मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान अपने नागरिकों के साथ इस तरह के व्यवहार को रोकने के लिए अपनी पूरी क्षमता से प्रयास करेगा और किसी को भी अफगान भाइयों की निजी संपत्ति को जब्त करने और चोरी करने की अनुमति नहीं देगा.
मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान की प्रवासी विरोधी नीति दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर रूप से खराब कर रही है. उन्होंने कहा कि ‘इसलिए, पाकिस्तानी शासन को जो कुछ भी वह कर रहा है उसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए. उसे उतना ही फसल लगाना चाहिए जितना वह काट सके.’ तालिबान मंत्री ने मौजूदा प्रवासी संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया और कहा कि शरणार्थियों को ‘सम्मान’ के साथ देश में वापस भेजा जाना चाहिए.
गौरतलब है कि संभावित कारावास से बचने के लिए लगभग सवा लाख अफगानी 31 अक्टूबर की समय सीमा से पहले पाकिस्तान से भाग गए हैं. जेल जाने की धमकी के साथ, संभावित हिरासत और निष्कासन के बारे में चिंतित होकर, हजारों लोग अब सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर जा रहे हैं. पाकिस्तानी सुरक्षा बल अब देश में रहने वाले किसी भी गैर-दस्तावेजी विदेशी निवासियों को खोजने के लिए गहन तलाशी ले रहे हैं. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब तालिबान की एक शाखा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान पाकिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर आतंकी हमले तेज कर रही है.
पिछले दो दिनों में, पाकिस्तान ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ कम से कम चार ऐसे हमले देखे हैं. पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना ने इन बम विस्फोटों में शामिल आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के लिए अफगानिस्तान को बार-बार चेतावनी दी है.
सालों से, सोवियत आक्रमण, उसके बाद गृहयुद्ध और अमेरिका के नेतृत्व वाले कब्जे के दौरान दशकों के संघर्ष के दौरान अफगानों की बड़ी संख्या पड़ोसी पाकिस्तान में स्थानांतरित हो गई. अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा काबुल की सत्ता पर कब्जा करने और सख्त इस्लामी कानून लागू करने के बाद से लगभग 600,000 लोग आ चुके हैं. अमेरिका समर्थित सरकार के पतन के बाद देश को सहायता में बड़े पैमाने पर कमी का सामना करने के बावजूद तालिबान अधिकारी वहां से चले गए लोगों को वापस बुलाने की कोशिश कर रहे हैं.