लाहौर, (वेब वार्ता)। पाकिस्तान की एंटी-नारकोटिक्स फोर्स (एएनएफ) ने भारत में ड्रग्स की तस्करी करने वाले एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया. इसके साथ ही वर्दी में एक अंडरवर्ल्ड डॉन का भी पता चला है. ड्रग-तस्करी नेटवर्क को कोई और नहीं बल्कि लाहौर पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स विंग के प्रमुख मजहर इकबाल द्वारा संचालित किया जा रहा था. अधिकारियों ने पाकिस्तान के डॉन अखबार को बताया कि मजहर इकबाल के नेतृत्व वाला नेटवर्क ड्रोन का इस्तेमाल करके भारत में ड्रग्स, विशेष रूप से हेरोइन की तस्करी करता था.
पूर्व पुलिस उपाधीक्षक इकबाल, लाहौर पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स इन्वेस्टिगेशन यूनिट का नेतृत्व कर रहे थे, जब एएनएफ ने ड्रग-तस्करी रैकेट का खुलासा किया. 1994 के बाद से, इकबाल को अवैध गतिविधियों में शामिल होने के कारण छह बार सेवा से बर्खास्त किया गया और 45 बार निलंबित किया गया था. उसके खिलाफ ज्यादातर मामले मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े हैं. आश्चर्य की बात यह है कि इतने संदिग्ध ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद इकबाल को लाहौर पुलिस के मादक द्रव्य विरोधी विभाग का प्रमुख पद दिया गया था.
पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर छह भारतीयों को गिरफ्तार करने का दावा
पाकिस्तान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मजहर इकबाल ने इन अवैध गतिविधियों के जरिए काफी संपत्ति अर्जित की है. नेटवर्क के भंडाफोड़ की घोषणा पिछले हफ्ते पाकिस्तानी रेंजर्स ने की थी. रेंजर्स ने कथित तौर पर “मादक पदार्थों, हथियारों और गोला-बारूद” की तस्करी की कोशिश करने के आरोप में पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर छह भारतीयों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. गिरफ्तार तस्करों में से चार – गुरमीत सिंह, शिंदर सिंह, जुगिंदर सिंह और विशाल जग्गा – पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले हैं, जबकि रतन पाल सिंह और गर्वेंदर सिंह क्रमशः जालंधर और लुधियाना से हैं.
मजहर इकबाल के खिलाफ कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार भारतीयों से पूछताछ के बाद मजहर इकबाल के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई. हालांकि, अधिकारी उसे गिरफ्तार नहीं कर पाए क्योंकि उसने गिरफ्तारी से पहले ही जमानत ले ली थी. लाहौर के उप महानिरीक्षक (जांच) इमरान किश्वर ने डॉन को बताया, “ड्रोन के माध्यम से सीमा पार (भारत) ड्रग्स की तस्करी में कथित संलिप्तता के लिए लाहौर पुलिस के मादक द्रव्य विरोधी विंग के प्रमुख मजहर इकबाल के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. हम उसे गिरफ्तार नहीं कर सके क्योंकि उसने गिरफ्तारी से पहले जमानत ले ली है.”
जांच का दायरा बढ़ाने के लिए समिति का गठन
मजहर इकबाल के खिलाफ पुलिस केस अगस्त के आखिरी हफ्ते में दर्ज किया गया था. पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने सीमा पार से ड्रग्स की अवैध तस्करी की जांच का दायरा और बढ़ाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है.”
अपने काम के लिए दुबई में पेमेंट लेता था मजहर इकबाल
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि इकबाल और उसके नेटवर्क ने ड्रोन का उपयोग करके पाकिस्तानी शहर कसूर से भारत तक नशीली दवाओं के ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा प्रदान की. जांच से पता चला है कि मजहर इकबाल ड्रोन के माध्यम से 30 किलोग्राम से अधिक हेरोइन भारत पहुंचाने में शामिल था और उसे अपने इस काम के लिए दुबई में पेमेंट मिलता था.
मजहर इकबाल पर ड्रग तस्कर से 7.5 करोड़ रुपए लेने का आरोप
एएनएफ ने डॉन को यह भी बताया कि पूर्व पुलिस अधिकारी ने ड्रग तस्कर अहमद के आवास से 35 किलोग्राम ड्रग्स और तीन कारें बरामद की थीं, लेकिन केवल 450 ग्राम ड्रग्स का मामला दर्ज करने के बाद उसे छोड़ दिया. मजहर कथित तौर पर ड्रग तस्कर से 7.5 करोड़ रुपए लेने के आरोप में एएनएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया है.
मजहर इकबाल की दौलत
मजहर इकबाल ने कथित तौर पर अरबों रुपये की संपत्ति अर्जित की है. डॉन के मुताबिक, उनके पास शानदार कारों का एक बेड़ा भी है और वह लाहौर के पॉश डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी में चार कनाल के घर में रहते हैं. उन्हें विभिन्न देशों, विशेषकर अमेरिका से हथियार इकट्ठा करने का भी शौक है.
वरिष्ठ अधिकारियों को दिया पैसे का लालच
कई वरिष्ठ अधिकारियों को मजहर इकबाल की सीमा पार आतंकवाद में लंबे समय से संलिप्तता के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर उनकी मिलीभगत को सुरक्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का इस्तेमाल किया. उन्हें पाकिस्तान में कुछ प्रमुख राजनीतिक हस्तियों का भी समर्थन प्राप्त था.
ड्रग्स नेटवर्क
पुलिस जांच के अनुसार, मजहर इकबाल के नेटवर्क द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ड्रोन 6 किलोग्राम तक ड्रग्स ले जाता था और सीमा पार उड़ान भरने के बाद पंजाब में खेप पहुंचाता था. पाकिस्तान पुलिस ने कहा कि उसे लाहौर में इकबाल के नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने की उम्मीद है.