गाजा/ल्यूब्ल्याना, (वेब वार्ता)। गाजा पट्टी में जारी भीषण मानवीय संकट के बीच स्लोवेनिया ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए इजरायल से किसी भी प्रकार के हथियारों की खरीद-बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह कदम उठाने वाला स्लोवेनिया यूरोपीय संघ (EU) का पहला देश बन गया है जिसने गाजा युद्ध को मानवाधिकार संकट के रूप में चिन्हित करते हुए इजरायल के साथ सैन्य व्यापार पर रोक लगाई है।
🔴 स्लोवेनिया ने क्यों उठाया यह कदम?
स्लोवेनियाई प्रधानमंत्री रॉबर्ट गोलोब और उनकी सरकार ने बार-बार इशारा दिया था कि अगर यूरोपीय संघ एक सामूहिक नीति नहीं बना पाता है तो उनका देश स्वतंत्र रूप से कदम उठाएगा।
सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा:
“यूरोपीय संघ आंतरिक मतभेदों के कारण पंगु है। इसी कारण संयुक्त कार्रवाई असंभव हो गई है, और गाजा में लोग बुनियादी ज़रूरतों की कमी के कारण मर रहे हैं।”
🛑 प्रतीकात्मक लेकिन मजबूत कूटनीतिक संदेश
हालांकि स्लोवेनिया और इजरायल के बीच सैन्य व्यापार बहुत कम है, लेकिन यह प्रतिबंध राजनयिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह निर्णय गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों के विरोध में एक स्पष्ट वैश्विक संदेश देने के उद्देश्य से लिया गया है।
🗓️ पहले भी लिए गए थे मजबूत फैसले
स्लोवेनिया की यह कार्रवाई एकाकी नहीं है। हाल के महीनों में सरकार ने कुछ अन्य कड़े फैसले भी लिए हैं:
जुलाई 2025: स्लोवेनिया ने दो अति-दक्षिणपंथी इजरायली मंत्रियों के देश में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। उन पर फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा भड़काने और “नरसंहार” जैसी टिप्पणियां करने का आरोप था।
जून 2024: स्लोवेनिया की संसद ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दे दी थी, जिससे वह आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन जैसे देशों की कतार में शामिल हो गया।
🌍 अन्य यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया
स्लोवेनिया का यह फैसला यूरोप में बढ़ते विरोध का हिस्सा है।
कई देशों ने पहले ही इजरायल के साथ सैन्य लेन-देन पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध लगाए हैं:
ब्रिटेन: 2024 में कुछ सैन्य उपकरणों का निर्यात निलंबित किया।
स्पेन: अक्टूबर 2023 में हथियारों की बिक्री पर रोक लगाई।
नीदरलैंड: सैन्य नियंत्रण प्रणाली और लाइसेंस की शर्तें सख्त कीं।
फ्रांस और बेल्जियम: इन देशों में हथियारों की बिक्री को लेकर कानूनी चुनौती जारी है।
📣 अंतरराष्ट्रीय दबाव में इजरायल
गाजा में हज़ारों लोगों की मौत, बुनियादी सेवाओं की तबाही और बच्चों की दुर्दशा को लेकर इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना लगातार बढ़ती जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र, रेड क्रॉस और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार चेतावनी दी है कि गाजा में हालात “नरसंहार के कगार” पर हैं।
📝 निष्कर्ष
स्लोवेनिया का यह ऐतिहासिक फैसला, इजरायल पर न केवल एक कड़ा कूटनीतिक संदेश है बल्कि यह वैश्विक जनमत का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो अब युद्ध से थक चुका है और मानवाधिकारों की मांग कर रहा है।
यदि अन्य यूरोपीय देश भी इसी राह पर चलते हैं, तो इजरायल की सैन्य नीति पर वैश्विक दबाव और भी बढ़ सकता है।