इस्लामाबाद, (वेब वार्ता)। पाकिस्तान (Pakistan) और अफगानिस्तान के बीच तोरखम बॉर्डर (Torkham Border) को लेकर विवाद और तनाव बढ़ता जा रहा है. बॉर्डर खोलने से इनकार करने के बाद से आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Terrorist organization TTP) भी बौखलाया हुआ है और वह इस को लेकर पाकिस्तान पर दवाब बनाने लगा है. इस विवाद को लेकर पाकिस्तानी फौज और टीटीपी के आतंकियों के बीच गोलीबारी और हमले भी हुए हैं.
टीटीपी ने दावा किया है कि चित्राल में बड़े पैमाने के ऑपरेशन में पाकिस्तानी फौज के लगभग 40 सैनिक मारे गए और इससे कहीं ज्यादा घायल हुए हैं. आतंकी संगठन ने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें उसके लड़ाके पाकिस्तानी फौज के एक कैंप (Pakistani Army Camp) पर कब्जा करते नजर आ रहे हैं. जबकि पाकिस्तानी फौज का आधिकारिक तौर पर दावा है कि इस ऑपरेशन के दौरान उसने 7 आतंकवादियों को मार गिराया.
आतंकवादी संगठन टीटीपी ने आज सुबह जारी अपनी पत्रिका मंजिल में स्पष्ट तौर पर कहा है कि चित्राल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बड़े पैमाने के ऑपरेशन में पाकिस्तानी अधिकारी मारे गए और घायल हो गए. इस पत्रिका में आतंकवादी संगठन ने दावा किया है कि इस ऑपरेशन के दौरान लगभग 40 से 50 पाकिस्तानी फौजी मारे गए जबकि इतने ही घायल हुए हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तान फौज का आधिकारिक तौर पर दावा है कि इस ऑपरेशन के दौरान अब तक 7 आतंकवादियों को मार गिराया गया है जबकि दर्जनों आतंकवादी घायल हुए हैं. पाकिस्तानी फौज का दावा है कि स्थिति उनके कंट्रोल में है.
पाकिस्तानी फौज के इस दावे के बाद आतंकवादी संगठन ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उसके कुछ लड़ाके पाकिस्तानी फौज के एक कैंप में दाखिल होते हुए नजर आ रहे हैं. आतंकवादी संगठन के यह लड़ाके पूरे कैंप में घूम रहे हैं और पाकिस्तानी फौज द्वारा बनाए गए झंडो पर ईंट पत्थर भी मार रहे हैं. यह लड़ाके घूम-घूम कर यह भी देख रहे हैं कि इस कैंप में कहीं कोई जिंदा तो नहीं बचा है.
अपनी इस पत्रिका मंजिल में आतंकवादी संगठन ने यह भी कहा है कि अपनी हर मुश्किल के लिए पाकिस्तान को अफगानिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए. उधर, अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा पर तोरखम बॉर्डर खोलने को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. कल देर शाम हुई बैठक के दौरान अफगानिस्तान के अधिकारियों ने पाकिस्तान के अधिकारियों से इस बॉर्डर को खोलने का अनुरोध किया था. लेकिन पाकिस्तान के अधिकारियों ने उस अनुरोध को ठुकराते हुए कहा कि जब तक आला कमान से हरी झंडी नहीं मिल जाएगी तब तक यह बॉर्डर नहीं खोला जाएगा.
पाकिस्तानी अधिकारियों ने बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के फैसले के लिए हाई कमान की सहमति जरूरी होती है. वास्तव में पाकिस्तान का मानना है कि आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान अफगानिस्तान के इशारे पर इस बॉर्डर के जरिए उसके देश में दाखिल हुआ और अब बड़े पैमाने पर मारकाट मचा रहा है. यही कारण है कि यह बॉर्डर अभी तक नहीं खोला गया है.