लाहौर, (वेब वार्ता)। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस ने अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के दो धार्मिक स्थलों की मीनारें गुरुवार को ढहा दीं. इससे पहले कुछ कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने आरोप लगाया था कि, ‘ये मीनारें अवैध रूप से बनाई गई हैं.’ जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान पंजाब के अधिकारी आमिर महमूद ने गुरुवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘कट्टरपंथी इस्लामवादियों के दबाव में शेखपुरा और गुजरात जिलों में अहमदी धार्मिक स्थलों की मीनारें पुलिस ने ध्वस्त कर दीं.’ उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने इन धार्मिक स्थलों में लिखी आयतों को भी विरूपित कर दिया.
महमूद ने कहा, ‘यह आम बात हो गई है कि पुलिस अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करने के बजाय उन पर (अहमदियों पर) अपने ही धार्मिक स्थलों की बेअदबी करने के लिए दबाव डाल रही है. पुलिस की कार्रवाई से कट्टरपंथी तत्वों की मंशा की पूरी हो जाती है.’ हाल के महीनों में पंजाब प्रांत में अहमदी धार्मिक स्थलों की मीनारों को ध्वस्त करने की कई घटनाएं हुई हैं और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कट्टरपंथी इस्लामवादी कथित तौर पर उनमें शामिल रहे हैं.
इस महीने की शुरुआत में इसी तरह की एक घटना में, यहां से लगभग 400 किलोमीटर दूर बहावलनगर जिले के चक 168 मुराद में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के एक धार्मिक स्थल की मीनारों को अज्ञात संदिग्धों ने ध्वस्त कर दिया था. कानून के तहत, अहमदी अपने धार्मिक स्थलों पर मीनारें नहीं बना सकते और इस्लामी आयतें नहीं लिख सकते हैं क्योंकि इसे इस्लाम के खिलाफ माना जाता है.
महमूद ने कहा, ‘पाकिस्तान में पहले से ही हाशिए पर पहुंच चुके अहमदियों के लिए स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. वे दुष्ट तत्वों के हाथों उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं. पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर पंजाब में धार्मिक स्थलों की मीनारों को ढहाने की घटनाएं लगातार जारी हैं. यह एक नया चलन है और अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं.’
पाकिस्तान में अहमदी समुदाय के लोगों को आमतौर पर कादियानी कहा जाता है, जो उनके लिए अपमानजनक शब्द माना जाता है. साल 1974 में पाकिस्तान की संसद ने अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था. एक दशक बाद, उन पर खुद को मुस्लिम कहने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उन पर उपदेश देने और तीर्थयात्रा के लिए सऊदी अरब जाने पर प्रतिबंध लगा है.
हालांकि पाकिस्तान में अहमदियों की संख्या लगभग दस लाख है, लेकिन अनौपचारिक आंकड़ों के अनुसार उनकी आबादी कहीं अधिक हैं. पाकिस्तान की 22 करोड़ आबादी में से लगभग एक करोड़ लोग गैर-मुस्लिम हैं. रुढ़िवादी मुस्लिम-बहुल पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अक्सर चरमपंथियों द्वारा उत्पीड़न किए जाने की शिकायत करते हैं.