इस्लामाबाद, (वेब वार्ता)। पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में छोटे बच्चों को जबरन आतंकवादी (Terrorists) बनाने की साजिश चल रही है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और दूसरी एजेंसियां बच्चों को दी जाने वाली ट्रेनिंग का हिस्सा बन रहीं हैं. इसकी गवाही खुद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का अवाम कर रहा है. जिसे दहशतगर्दी को बढ़ावा देने के लिए अपने छोटे बच्चों के हाथों में मासूमों के कत्ल के लिए खतरनाक हथियारों को थमाया जाना कतई मंजूर नहीं है. POJK ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना खलील ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका खुलासा करते हुए बताया कि कैसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बच्चों को आतंकी बनाने की साजिश को अंजाम दिया जा रहा है.
POJK ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना खलील ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मासूम बच्चों का अपहरण किया जा रहा है और आतंकी ट्रेनिंग कैंपों में उन्हें आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बहरहाल पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों को क्लीन चिट देने की कोशिश करते हुए मौलाना खलील का कहना है कि केवल जिहादी संगठन ही ऐसी खतरनाक गतिविधियों में शामिल हैं. मगर यह बिल्कुल साफ है कि इस तरह के संगठित प्रशिक्षण शिविर आईएसआई और पाकिस्तान की दूसरी एजेंसियों के सपोर्ट के बगैर नहीं चलाए जा सकते हैं.
सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स लंबे समय से पाकिस्तान को आतंकवाद की फैक्ट्री करार देते रहे हैं. ज्यादातर लोगों का मानना है कि अगर भारत सहित पूरे उप महाद्वीप से दहशतगर्दी खत्म करके स्थाई शांति लानी है, तो उसका रास्ता पाकिस्तान से आतंकी ट्रेनिंग कैंपों को खत्म करने की पहल से होकर जाता है. ये भी कहा जाता है कि अगर पूरी दुनिया से आतंक को खत्म करना है, तो सबसे पहले उसे पाकिस्तान से खत्म करना होगा. सच तो यह है कि पूरी दुनिया में जहां भी आतंकी वारदात होती है और जब आप उसकी तह में जाते हैं, तो वहां कहीं न कहीं पाकिस्तान से लिंक जरूर निकलता है.
दुनिया में सब जगह पर आतंक के पीछे कहीं न कहीं पाकिस्तान का संबंध मिल जाता है. पाकिस्तान में आतंकवाद अब मानवता के लिए एक नासूर बन गया है. उसके आसपास जो भी आबादी रहती है, वह उन ‘सभी को खा रहा है. भारत के साथ ही दुनिया के सभी देशों के सुखचैन का एकमात्र रास्ता पाकिस्तान की आतंकी फैक्ट्रियों का खात्मा करना ही है. अब तो भारत ही नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान के बच्चे भी दहशतगर्दी के इस खेल का शिकार हो रहे हैं.