इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने कहा है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र को केवल ज्यूडिशियरी बचा सकती है. अपने समर्थकाें को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे शुक्रवार को जब इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बेल दे दी उसके बाद भी पुलिस मुझे गिरफ्तार करना चाहती थी. मुझे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस कोर्ट के बाहर खड़ी हुई थी. जिस मुल्क के अंदर इंसाफ नहीं होता वहीं आजादी नहीं होती. आज पाकिस्तान में न्यायपालिका ही लोकतंत्र को बचा रही है और पूरे देश को संविधान और कानून की सर्वोच्चता के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका के साथ खड़ा होना है.
इमरान खान ने कहा कि जब मुझे गोली लगी तब क्यों हिंसा नहीं हुई? हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि ये मेरे काम करने का तरीका नहीं है. इमरान खान ने बताया कि मेरे घर पर गैर कानूनी तरीके से हमला किया गया और यह 24 घंटे तक जारी रहा. यहां ऐसे हालात हैं कि जब 28 अप्रैल को जब मैं इस्लामाबाद पहुंचा तो मेरे घर पर हमला कर देते है. लाहौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी मेरे घर का दरवाजा तोड़कर घुसे. घर में मौजूद बुशरा बेगम अकेली थीं. इनके अंदर कोई शर्म नहीं है. उस दिन मुझे मारने की कोशिश हुई.
मैंने हमेशा ही कहा है कि हिंसा से बचो
पाकिस्तान में मेरी गिरफ्तारी के बाद जो हुआ है, उसके बारे में मुझे कल से ख़बरें मिलनी शुरू हुई थी. मुझे तो कुछ पता ही नहीं था, कि गिरफ्तारी के बाद मेरे पीछे क्या हो रहा है? मैंने हमेशा कहा है हिंसा से बचो. पाकिस्तान में कोई हिंसा न हो.
मुझे पाकिस्तान रेंजर्स ने गिरफ्तार किया था, वो पुलिस नहीं; फौज का हिस्सा हैं
इमरान खान ने कहा कि इस्लामाबाद जाने से पहले मुझे पता था कि इन लोगों को कुछ तो करना है, कोर्ट से मुझे हर मामले में बेल थी. फिर मुझे पता लग गया था कि ये लोग मुझे गिरफ्तार करने वाले हैं. मैं कानून से चलने वाला हूं, मैंने कहा कि वारंट लेकर आओ, और फिर मुझे गिरफ्तार कर लो. इस पर पाकिस्तान की फौज ने मुझे गिरफ्तार किया, ये रेंजर फौज का हिस्सा हैं. किसी की गिरफ्तारी तो पुलिस का काम था. मेरी गिरफ्तारी में फौज का क्या काम था? इस पर भी देश की सबसे बड़ी पार्टी के नेता को इस तरह से गिरफ्तार किया गया कि और मेरे ऊपर सौ से ज्यादा मामले दर्ज कर दिए गए. वह भी एक दिन में 15 क्रिमिनल मामले दर्ज कर दिए और फिर उसके बाद सारी दुनिया के सामने मुझे जलील किया गया.