इस्लामाबाद, (वेब वार्ता)। पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पर औपचारिक रूप से आधिकारिक राजनयिक केबल (दस्तावेज) लीक करने का आरोप लगाया गया है. यह एक ऐसा मामला है जिसमें आरोप साबित होने पर संभावित रूप से 10 साल की जेल की सजा और आजीवन अयोग्यता हो सकती है. यह उस मामले के परिणामस्वरूप आया है जहां इमरान खान ने दावा किया था कि उन्हें सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा समर्थित अमेरिकी साजिश के हिस्से के रूप में बाहर कर दिया गया था. हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तानी सेना दोनों ने इस आरोप से इनकार किया है. राजनयिक केबल गोपनीय संदेश होते हैं जिसका दूतावास या वाणिज्य दूतावास जैसे राजनयिक मिशन और उसके मूल देश के विदेश मंत्रालय के बीच आदान-प्रदान किया जाता है.
सोमवार को दायर किए आरोप
आरोप आधिकारिक तौर पर सोमवार को दायर किए गए, जिसकी पुष्टि पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी के शाह खावर ने अदियाला जेल के बाहर की, जहां इमरान खान वर्तमान में कैद हैं. पूर्व क्रिकेट सुपरस्टार इमरान खान को पहले अगस्त में भ्रष्टाचार के आरोप में तीन साल की जेल हुई थी, लेकिन बाद में उनकी सजा पलट दी गई. जिससे राज्य के दस्तावेजों को साझा करने के अधिक गंभीर आरोप में उनकी हिरासत जारी रही.
इमरान के पास बचाव में पुख्ता सबूत नहीं
मामला एक केबल के इर्द-गिर्द घूम रहा है जिसे इमरान खान ने अपने निष्कासन के सबूत के रूप में पेश किया था, लेकिन सरकार की संघीय जांच एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके साथ कोई पुख्ता यह सबूत नहीं है. इसके अलावा, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी इस मामले के संबंध में दोषी ठहराया गया है. कानूनी विशेषज्ञों का सुझाव है कि इन आरोपों में अधिकतम 14 साल की जेल की सजा हो सकती है.
बैठक में नहीं किया था खतरे का जिक्र
स्थिति की जटिलता को बढ़ाते हुए, सीएनएन न्यूज18 ने हाल ही में खुलासा किया कि एक पूर्व अमेरिकी राजदूत ने इमरान खान और उनकी सरकार के खिलाफ एक बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी समकक्षों के साथ उनकी बैठक रिकॉर्ड में थी और किसी भी खतरे का कोई उल्लेख नहीं किया गया था. विदेश सचिव को भेजा गया कम्युनिकेशन एक नियमित प्रक्रिया थी और इन रिकॉर्डों में किसी धमकी या साजिश का कोई उल्लेख नहीं मिला.
राजनीतिक लाभ के लिए पैदा किया विवाद
पाकिस्तान के सूत्रों के अनुसार, मजीद ने अदालत को बताया, ‘बैठक का वास्तविक विवरण विदेश सचिव के साथ साझा किया गया था और साजिश का संकेत देने वाली किसी भी बात का उल्लेख नहीं किया गया था. यह निष्कर्ष तत्कालीन इमरान खान सरकार द्वारा निकाला गया था.’ सूत्रों ने कहा कि बयान में कहा गया है कि इमरान खान ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए विदेशी साझेदारों के खिलाफ विवाद पैदा किया, जिससे उन्हें बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.