नई दिल्ली/काठमांडू, (वेब वार्ता)। नेपाल ने इतिहास रचते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सबिता भंडारी को देश की पहली महिला अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 157(2) के तहत यह नियुक्ति की। यह कदम लैंगिक समानता और नेपाल के कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
नियुक्ति की घोषणा
राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता प्रदीप कुमार कोइराला ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सुशीला कार्की की सिफारिश पर सबिता भंडारी को अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया है। यह नियुक्ति पूर्व अटॉर्नी जनरल रमेश बादल के इस्तीफे के बाद की गई, जिन्हें 17 जुलाई 2024 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। बादल का इस्तीफा 9 सितंबर को प्रभावी हुआ, जिसे राष्ट्रपति ने रविवार को स्वीकार किया।
सबिता भंडारी: एक प्रोफाइल
सबिता भंडारी एक अनुभवी वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, जिन्होंने पहले राष्ट्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के रूप में कार्य किया है। वह मशहूर कानूनी विद्वान कृष्ण प्रसाद भंडारी की बेटी हैं। उनकी नियुक्ति को प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाले एक मजबूत कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो स्वयं नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश और अंतरिम प्रधानमंत्री हैं।
हालांकि, भंडारी की नियुक्ति विवादों से मुक्त नहीं रही। उनकी आलोचना इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने क्रिकेटर संदीप लामिछाने का एक चर्चित बलात्कार मामले में बचाव किया था। कुछ लोग इस आधार पर उनकी नियुक्ति पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि अन्य का मानना है कि उनकी कानूनी योग्यता और अनुभव इस तरह के विवादों से ऊपर हैं।
नियुक्ति का संदर्भ
सबिता भंडारी की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब नेपाल में जेन जेड के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन और सामाजिक सुधारों की मांग जोर पकड़ रही है। इन प्रदर्शनों के दबाव में पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उनकी सरकार का लक्ष्य 5 मार्च 2026 को होने वाले संसदीय चुनावों तक देश में स्थिरता और सुशासन सुनिश्चित करना है।
भंडारी ने नियुक्ति के बाद शपथ ग्रहण समारोह में कहा, “वर्तमान स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह सेवा का समय है। मैं सभी पक्षों के साथ सहयोग कर सरकार के कानूनी सलाहकार के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगी।”
शपथ ग्रहण और जिम्मेदारियां
सबिता भंडारी ने 15 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रकाशमान सिंह राउत के समक्ष पद और गोपनीयता की शपथ ली। अटॉर्नी जनरल के रूप में, वह सरकार की मुख्य कानूनी सलाहकार होंगी और नेपाल के संवैधानिक और कानूनी मामलों में सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगी।
नेपाल में ऐतिहासिक कदम
सबिता भंडारी की नियुक्ति नेपाल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह पहली बार है जब एक महिला इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर नियुक्त हुई है। उनकी नियुक्ति को सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सुधारवादी दृष्टिकोण का हिस्सा माना जा रहा है, जो लैंगिक समानता और भ्रष्टाचार विरोधी सुधारों पर केंद्रित है।
निष्कर्ष: नई शुरुआत की ओर
सबिता भंडारी की नियुक्ति न केवल नेपाल के कानूनी इतिहास में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह देश में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि वह सरकार को मजबूत कानूनी नेतृत्व प्रदान करेंगी और देश में सुशासन को बढ़ावा देंगी।
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