यरुशलम, 25 जुलाई (वेब वार्ता)। गाज़ा पट्टी में जारी युद्ध को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई को लेकर कतर की राजधानी दोहा में चल रही वार्ता में बड़ा मोड़ आया है। इज़रायल ने इस वार्ता के लिए भेजी गई अपनी वार्ताकार टीम को वापस बुला लिया है। इज़रायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी, यह फैसला हमास की ओर से मध्यस्थों को सौंपी गई प्रतिक्रिया के बाद लिया गया है।
हमास ने दोहा में 60 दिन के अस्थायी युद्धविराम, इज़रायली बंधकों की रिहाई और इज़रायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के प्रस्ताव पर जवाब दिया था, जिसमें उसने कई शर्तों में बदलाव की मांग की थी।
हमास की मांगें और इज़रायल की आपत्ति
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमास ने इज़रायल से मांग की कि वह 200 फिलिस्तीनी उग्रवादियों और 2,000 अन्य कैदियों को रिहा करे, जिनमें से अधिकांश को 7 अक्टूबर 2023 के बाद हिरासत में लिया गया था। साथ ही, 10 जीवित बंधकों की रिहाई के बदले हमास ने 200 ऐसे कैदियों की रिहाई की मांग की जो इज़रायलियों की हत्या के दोषी हैं और उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं।
जबकि इज़रायल पहले ही 120 उग्रवादियों और 1,200 नागरिकों की रिहाई के लिए सहमति जता चुका था, हमास की ये नई मांगें उसे अस्वीकार्य लगीं। इज़रायली पक्ष का कहना है कि हमास लगातार ऐसे प्रस्ताव रख रहा है जो समझौते की दिशा में बाधा बन रहे हैं।
दोहा से लौटे वार्ताकार, लेकिन वार्ता अभी समाप्त नहीं
इज़रायली टीवी चैनल ‘कान’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि वार्ता पूरी तरह विफल नहीं हुई है। टीम का दोहा से लौटना “एक समन्वित और आंतरिक परामर्श की प्रक्रिया” का हिस्सा है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसे नकारात्मक संकेत मान रहे हैं। चैनल 12 ने यह भी बताया कि इज़रायली सेना अब गाज़ा में सैन्य अभियान को और तेज़ करने की योजना बना रही है।
गाज़ा में मानवीय संकट
गाज़ा में युद्धविराम की आस में लाखों लोग मानवीय त्रासदी झेल रहे हैं। अक्टूबर 2023 से अब तक 59,500 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो चुकी हैं और खाद्य संकट गहराता जा रहा है।
दूसरी ओर, इज़रायली जेलों में वर्तमान में 10,800 से अधिक फिलिस्तीनी कैदी बंद हैं। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार इनमें से कई कैदी यातना, भुखमरी और चिकित्सा उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
कतर, मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता में 06 जुलाई से दोहा में अप्रत्यक्ष वार्ता जारी थी। इन वार्ताओं का उद्देश्य युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौता तैयार करना था। हालांकि अब वार्ता की प्रक्रिया संकट में दिखाई दे रही है।
इज़रायल और हमास के बीच बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान की अपील की है।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि वार्ता प्रक्रिया को फिर से पटरी पर लाने के लिए क्या कोई नया प्रयास सामने आता है, या गाज़ा का यह युद्ध और अधिक भयावह मोड़ लेगा।